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100 दिन के अंदर कांग्रेस छोड़ गए ये दिग्गज नेता, मिलिंद देवड़ा से लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे नाम शामिल…

10 big leaders quit Congress

10 big leaders quit Congress: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी के लिए ये साल ठीक नहीं रहा है। कांग्रेस के बड़े नेता एक-एक करके पार्टी (10 big leaders quit Congress) का दामन छोड़ रहे है। अगर इस साल के शुरूआती 4 महीनों की बात करें तो 10 से ज्यादा दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने अपना दल बदल लिया। 4 अप्रैल यानी आज के दिन भी पार्टी से तीन नामचीन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया। इस तरह कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले बिखरती नज़र आ रही है। चलिए हम आपको बताते कांग्रेस के उन 10 बड़े नेताओं के बारे में जिन्होंने पार्टी से वर्षों पुराना नाता तोड़ लिया…

1. मिलिंद देवड़ा:

किसी समय कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार मिलिंद देवड़ा ने इस साल जनवरी में अपना इस्तीफा दिया था। यह लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए महाराष्ट्र में सबसे बड़ा झटका माना गया था। बता दें मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ज्वाइन कर ली थी। मिलिंद देवड़ा के परिवार का कांग्रेस से वर्षों पुराना नाता रहा था। वो दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे मुरली देवड़ा के बेटे हैं।

2. अशोक चव्हाण:

कांग्रेस पार्टी के लिए सालों तक काम करने वाले नेताओं की लिस्ट में अशोक चव्हाण का नाम भी शामिल था। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी पार्टी से किनारा कर लिया। एक समय था जब उनको महाराष्ट्र के सबसे बड़े कांग्रेस नेता के रूप में देखा जाता था। लेकिन पार्टी हाईकमान से अनबन के चलते उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। बता दें कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर अशोक चव्हाण ने भाजपा का दामन थामा लिया।

3. बाबा सिद्दीकी:

महाराष्ट्र कांग्रेस में करीब पांच दशक तक बाबा सिद्दीकी का नाम जुड़ा रहा। वो प्रदेश के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। बॉलीवुड अभिनेताओं से उनकी पहचान जगजाहिर थी। बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे थे। उनकी पहचान देश के बड़े मुस्लिम नेताओं में की जाती है। लेकिन उन्होंने भी कई दिनों तक चुप्पी साधने के बाद कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया। महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए बाबा सिद्दीकी का पार्टी छोड़कर जाना बड़ा झटका माना गया।

4. संजय निरुपम:

महाराष्ट्र कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने पार्टी से किनारा कर लिया। जी हां, हम बात कर रहे है दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके संजय निरुपम की। निरुपम महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे से नाराज थे। संजय निरुपम ने साल 2009 में लोकसभा का चुनाव जीता था। लेकिन वो पिछले काफी समय से कांग्रेस पार्टी के फैसलों से नाराज़ नज़र आ रहे थे। आखिरकार उन्होंने लोकसभा चुनाव से कुछ ही समय पहले अपना इस्तीफा दे दिया।

5. आचार्य प्रमोद कृष्णम:

महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं के साथ अन्य राज्यों में भी पार्टी को बड़े झटके लगे है। अगर बात करें यूपी की तो यहां से आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे बड़े नेता भी इस लिस्ट में शामिल हो गए। पिछले काफी समय से वो ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी करते नज़र आये थे। सचिन पायलट के साथ उनका गहरा नाता था। पायलट-गहलोत गुटबाज़ी में भी उन्होंने खुलकर बयानबाज़ी की। राम मंदिर मुद्दे को लेकर वो कांग्रेस पार्टी से काफी नाराज़ हुए थे। इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी।

6. राजेश मिश्रा:

यूपी में कांग्रेस पार्टी पिछले कई सालों में हाशिए पर नज़र आ रही है। इसके बावजूद पार्टी के बाकी कई दिग्गज नेता कांग्रेस का धीरे-धीरे साथ छोड़ रहे है। इस साल कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में वाराणसी के पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राजेश मिश्रा का नाम भी शामिल है। लागातर उपेक्षा का शिकार होने वाले कांग्रेसी नेता राजेश मिश्रा ने कुछ ही समय पहले भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली थी।

7. अर्जुन मोढवाडिया:

इस सूची में एक नाम गुजरात कांग्रेस से भी शामिल है। गुजरात कांग्रेस के लिए चार दशक तक काम करने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता अर्जुन मोढवाडिया ने भी इसी साल पार्टी का दामन छोड़ दिया था। अर्जुन मोढवाडिया 2004 में गुजरात विधानसभा में पीएम मोदी के सीएम रहते समय विपक्ष नेता के रूप में जिम्मेदारी निभाई थी। उनके जाने से गुजरात में कांग्रेस को गहरा सदमा लगा था। अर्जुन मोढवाडिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है।

8. विजेंदर सिंह:

कांग्रेस के लिए कोई ऐसा राज्य नहीं जहां से उनके दिग्गज नेताओं ने पार्टी से किनारा किया हो। एक दिन पहले ही हरियाणा कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा था। अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी में देश का बढ़ाने वाले विजेंदर सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। हरियाणा में कांग्रेस के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले यह करार झटका माना जा रहा है। बता दें विजेंदर सिंह साल 2019 में दक्षिणी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके है। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

9. अनिल शर्मा:

कांग्रेस के लिए बिहार में ही सबकुछ ठीक नहीं रहा है। चुनावी साल में बिहार के दिग्गज कांग्रेसी नेता ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी से नाराजगी के चलते साथ छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने भाजपा पार्टी को ज्वाइन कर लिया। अनिल शर्मा के जाने से कांग्रेस पार्टी को इस लोकसभा चुनाव में वहां काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

10. गौरव वल्लभ:

राजस्थान कांग्रेस के भी कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके है। इस लिस्ट में एक नाम गौरव वल्लभ का भी आज ही जुड़ा है। उन्होंने पार्टी हाईकमान के नाम पत्र लिखते हुए पार्टी छोड़ने की जानकारी दी। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से उदयपुर से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें करारी हार झेलनी पड़ी थी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए ये साल भी अच्छा नज़र नहीं आ रहा है। आने वाले समय में देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस पार्टी इससे कैसे निजात पाएगी।

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