GLC Coin: कुछ दिनों पहले लगभग 150 करोड़ के बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मुख्य आरोपी समीर केसरी को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। यूपी एसटीएफ के मुताबिक समीर केसरी ने हजारों निवेशकों को रूबी कॉइन में इनवेस्ट कराकर 150 करोड़ की धोखाधड़ी की थी।
डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने समीर की गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया था कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है और लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में किराए के मकान में रह रहा था। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रूबी कॉइन बनाकर प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से निवेशकों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये निवेश कराए थे। उसने निवेशकों को मोटी कमाई का झांसा दिया था।
पहले भी फर्जीवड़े के मामले में जेल जा चुका है समीर
एसटीएफ ने बताया था कि समीर कोलकाता में एंजेला एग्रोटेक कंपनी में काम करता था। जहां सेल्स स्किल अच्छी होने के कारण उसे जल्द ही कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया। हालांकि वर्ष 2016 में वह फर्जीवड़े के मामले में दुर्ग मध्यप्रदेश से जेल गया था। जेल से छूटने के बाद वह छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने लगा। उसने रूबी कॉइन (RubyCoin) नाम की वर्चुअल कॉइन की शुरुआत की। धीरे-धीरे उसने प्रचार-प्रसार करना शुरू किया। इससे लोग उसके लोकलुभावने वादों में फंसते चले गए।
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इससे कंपनी की नेटवर्थ बढ़ती चली गई। समीर व उसके साथी रूबी कॉइन में लोगों का पैसा इन्वेस्ट कराते थे। लोगों को लोक लुभावने वादे देते थे। कहते थे कि यह एक सुरक्षित निवेश है। इसमें निवेशक की मूल पूंजी हमेशा सुरक्षित रहेगी। यदि निवेशक अपना पैसा वापस लेना चाहे तो तीन वर्ष के बाद पूर्व सूचना देकर अपनी कॉइन के बदले पैसा अपने बैंक खाते में ले सकता है। निवेशक की पूरी निवेश पूंजी के उपयोग करने का अधिकार समीर के पास रहेगा और निवेशक को निवेशित पूंजी के बदले विभिन्न पर्यटन स्थलों का टूर पैकेज दिया जाता रहेगा।
रूबी कॉइन के नाम पर फर्जी एक्सचेंज
यूपी STF के मुताबिक, समीर इतना शातिर था कि निवेशकों को हल्का सा भी शक न हो इसके लिए अपनी कॉइन को स्वयं द्वारा बनाए गए कॉइन एक्सचेंज CTS Cola का ऑफिस दुबई में होना बताता था। वह कॉइन की पूरी हैंडलिंग लोकल सर्वर द्वारा करवाता था, जिसका एडमिन राईट समीर केसरी अपने पास ही रखता था। रूबी कॉइन की साइट के माध्यम से निवेशकों की डिटेल लेकर उनका खाता खोला जाता था, जिस पर निवेशकों की निवेशित रकम के बदले रूबी कॉइन को अपने अनुसार दिखाया जाता था। खोले गए फर्जी खाता नंबरों को साइट के माध्यम से निवेशित धनराशि का लाभ दिखाने के लिए किया जाता था लेकिन बैकएंड पर कोई इस तरह के एक्सचेंज सिस्टम को संचालित करते हुए केवल निवेशकों को रूबी कॉइन का फेक बैलेंस दिखाता था।
इसके कुछ समय बाद बैलेंस को लोगों के खाते में न दिखाते हुए उसे प्रिंसिपल अकाउंट में ऐड करना बता दिया जाता था। बाद में अपने ही अंतर्गत सर्वर व साइट का एडमिन राइट होने से उसे नियंत्रित करते हुए जिन खातों की देनदारी अधिक हो जाती है, उसे डीएक्टिवेट करके निवेशकों को झूठी जानकारी दी जाती थी। पैसा मांगने पर सर्वर अपडेट, सॉफ्टवेयर अपडेट आदि बहाने बताकर भुगतान को लंबित रखा जाता था। डिप्टी एसपी ने बताया कि समीर धोखे से कमाई गई रकम को क्रिप्टो करंसी में बदलकर विदेश भागने की फिराक में था।
रूबी कॉइन का नया रूप GLC कॉइन, तरीका वही पुराना
समीर केसरी के रूबी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) के अलावा इस समूह के लोगों ने एक और वेबसाइट बनाई है। https://glcasset.com/ इसको रूबी कॉइन की जगह GLC कॉइन बताया जा रहा है।
इस गिरोह का एक बोर्ड मेंबर मनीष श्रीवास्तव जो संभवत: समीर केसरी के साथ जुड़ा है। मनीष पहले रूबी बेचा करता था, अब GLC को प्रमोट कर रहा है। हिंद फर्स्ट के एक रिपोर्टर ने आम आदमी बनकर बात की। मनीष श्रीवास्तव ने एक दूसरे सदस्य का नंबर दिया जिसका नाम रितेश कुमार निश्छल था। रितेश ने पहले मोटिवेट करने का काम किया और इस क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताने लगा।
इसके बाद एक और शख्स से बात हुई जिसका नाम मयंक श्रीवास्तव था। ये मनीष श्रीवास्तव का भाई है। यह बनारस में रहता है। मनीष के बाद संभवत: यही इस GLC का काम देख रहा है। मयंक ने एक नंबर और दिया जिसका नाम गौरव सिंह है। यह भी बनारस का है। ये सारे मिलकर समझाते हैं कि अगर कोई इस योजना में 200 दिन तक निवेश करता है, तो उसका निवेश 40% बढ़ जाएगा और 800 दिन में दोगुना हो जाएगा। इसके अलावा, इनका दावा है कि अगर आप ₹1,60,000 का निवेश करते हैं या अपने रेफरल से लोगों से इतना निवेश करवाते हैं, तो भी दुबई यात्रा प्रदान की जाएगी।
इतना ही नहीं, इस क्रिप्टो कॉइन से भविष्य में लखनऊ में जमीन खरीदी जा सकती है, विदेश यात्रा हो सकती है, ज्वैलरी लिया जा सकता है और बस कुछ ही महीने बाद आप इस कॉइन से घर का सामान भी खरीद सकते हैं।
इनकी वेबसाइट पर https://glcasset.com/ केवल एक सोशल मीडिया टेलीग्राम चैनल (https://t.me/+nrBsNrfuCf1mYmVl) का लिंक मिला। ये पहले एक्टिव था लेकिन अभी कभी-कभार ही इसपर लोग एक्टिव होते हैं, लेकिन इसपर मनीष श्रीवास्तव के सबसे ज्यादा मैसेज देखे जा सकते हैं।
पड़ताल करने पर पता चला कि इन सभी व्यक्तियों का एक संगठित समूह है, जो ज़ूम मीटिंग्स के माध्यम से पैसे लगा चुके भोले-भाले लोगों को मोटिवेट और नई-नई स्कीम बताते हैं। इस समूह का नाम TEAM EAGLE है और इसके सदस्य प्रतिदिन रात 8 बजे ज़ूम पर मीटिंग करते हैं। मीटिंग के दौरान, लोगों को यह बताया जाता है कि कैसे वे इस योजना में निवेश करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इस मीटिंग का लिंक और विवरण इस प्रकार है:
Zoom Link:
https://zoom.us/j/93864308482?pwd=JQvexX52fZnZSxa1oGEJ3evRTxwARn.1
Meeting ID: 938 6430 8482
Passcode: GLC
पहले ही दर्ज है कई शिकायतें
दैनिक भास्कर की एक खबर के मुताबिक रूबी कॉइन (RBC Coin) मामले में समीर, मयंक पर प्रयागराज के धूमनगंज थाना में पहले से रिपोर्ट दर्ज है। जिसकी जांच अभी भी चल रही है। इन सब पर ये केस रूबी कॉइन के नाम पर ठगी करने के लिए किया गया था।
रूबी कॉइन का नाम बदलकर GLC Coin
GLC Coin (Green Ledger Coin) पहले RBC यानी रूबी कॉइन था। ये वही रूबी कॉइन है जिसके फ्रॉड में समीर केसरी को यूपी STF ने गिरफ्तार किया था। ये GLC वाला ग्रुप भी शायद उसी का हिस्सा है। इनकी साइट पर https://glcasset.com/assets/images/rbc-White-Paper.pdf लिंक पड़ा हुआ है। इसे देखकर साफ समझ आता है कि ये फ्रंट पर GLC coin दिखाते हैं लेकिन बाद में RBC coin ही लोगों को दे रहे हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=LOc_sgNm9yg यह समीर केसरी का वीडियो है। इसमें जो पोस्टर लगा हुआ है उसमें मनीष श्रीवास्तव भी है। https://www.facebook.com/maneeshmtp यह इसकी फेसबुक आईडी है। इसके अलावा कुछ वीडियो लिंक है जिससे देख सकते हैं ये वहीं लोग हैं जो दोनों कॉइन के बारे में समझा रहे हैं। https://youtu.be/LZMyoN-NX7Q?si=AJrc7AuahZuJLG5F&t=1472
GLC को लेकर फेसबुक पर करता है पोस्ट
इसी साल 27 सितंबर को मनीष ने अपने फेसबुक पर GLC को लेकर एक पोस्ट भी किया था-
जिसमें लिखा था प्रिय GLC कम्युनिटी के सभी सदस्यगण, मैं, मनीष श्रीवास्तव, GLC एसेट्स का फाउंडर, आपको GLC एसेट्स की पहली सालगिरह पर ढेर सारी बधाइयाँ देना चाहता हूँ। इस एक साल के सफर में हम सब मिलकर एक अच्छा काम कर रहे हैं और आने वाले सालों में हम और भी बेहतर करेंगे। हमारी कंपनी के आने वाले रोडमैप में और भी बड़ी योजनाएँ हैं।
बता दें रूबी कॉइन के नाम पर हुए ठगी मामले की जांच यूपी STF पहले से कर रही है, जो अभी भी चल रही हैं। इस केस में अभी किसी को सजा नहीं मिली है, मामला कोर्ट में चल रहा है।