New Income Tax Bill 2025

New Income Tax Bill : 1 April 2026 से लागू होगा नया टैक्स बिल, जानिए क्या-क्या है खास?

नई इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) का ड्राफ्ट अब सामने आ चुका है और इसके लागू होने की तारीख 1 अप्रैल 2026 रखी गई है। इस बिल का उद्देश्य पुराने टैक्स कानूनों को आसान बनाना है, ताकि आम जनता और टैक्सपेयर्स को टैक्स के नियमों को समझने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो। इस ड्राफ्ट में कुल 622 पन्ने हैं, जिनमें कुल 298 सेक्शन शामिल हैं। जैसे कि पहले अनुमान था, इस बिल में भाषा को सरल बनाने की कोशिश की गई है और कुछ पुराने शब्दों को हटाया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को इसे समझने में कोई परेशानी न हो।

पुराने शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा

पहले टैक्स सिस्टम में ‘एसेसमेंट ईयर’ (Assessment Year) शब्द का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इसे बदलकर ‘टैक्स ईयर’ (Tax Year) कर दिया गया है। इसके अलावा, इस ड्राफ्ट में ‘फाइनेंशियल ईयर’ (Financial Year) के पूरे 12 महीनों को अब टैक्स ईयर कहा जाएगा। इससे पहले के ‘एसेसमेंट ईयर’ को लेकर जो कंफ्यूजन था, उसे अब दूर कर दिया गया है। अब केवल एक ही शब्द ‘टैक्स ईयर’ का उपयोग होगा, जिससे टैक्सपेयर्स को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

स्टैंडर्ड डिडक्शन और कैपिटल गेन टैक्स में क्या होगा बदलाव?

इस ड्राफ्ट में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) से लेकर कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) तक को लेकर साफ-साफ तस्वीर पेश की गई है। खासतौर पर, कैपिटल गेन टैक्स पर अभी जो 20% की दर लागू है, उसे बरकरार रखा गया है। शेयर बाजार से जुड़े शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short Term Capital Gain) टैक्स की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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नए ड्राफ्ट में यह बताया गया है कि 12 महीने तक के शेयर बाजार में किए गए निवेश को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। यानी, अगर आपने 12 महीने से कम समय में शेयर बेचे तो उस पर 20% का टैक्स लगेगा, जो पहले जैसा ही रहेगा। यह नियम पहले के टैक्स एक्ट में था और नए बिल में भी यही रखा गया है।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20% होने से निवेशकों को इसके बारे में कोई खास बदलाव नहीं दिखेगा। यानी, जिन लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश करने का शौक है, उन्हें अब भी वही टैक्स देना होगा जैसा पहले था।

नए बिल में क्या है खास?

  1. टैक्स ईयर – इस बिल में एसेसमेंट ईयर का पुराना शब्द हटा दिया गया है और अब इसे ‘टैक्स ईयर’ के रूप में परिभाषित किया गया है।

  2. कैपिटल गेन टैक्स – शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की अवधि और टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी 12 महीने तक के निवेश पर 20% का टैक्स बरकरार रहेगा।

  3. स्टैंडर्ड डिडक्शन – स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर भी इस बिल में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिल सकती है। हालांकि, इसके बारे में और जानकारी जल्द ही दी जाएगी।

  4. समान टैक्स दरें – शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के लिए जो 20% की दर थी, उसे नए ड्राफ्ट में भी बरकरार रखा गया है।

कब से लागू होगा नया टैक्स बिल?

नए टैक्स बिल का ड्राफ्ट लगभग तैयार है और इसे 1 अप्रैल 2026 से लागू करने की योजना है। हालांकि, अभी तक इसके बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सरकार की ओर से जल्द ही इसकी पुष्टि हो सकती है। टैक्सपेयर्स के लिए यह बिल एक नया बदलाव लेकर आएगा, जो टैक्स रिटर्न फाइलिंग और टैक्स की गणना के तरीकों को और आसान बनाएगा।

इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा ?

नए टैक्स बिल का सबसे बड़ा असर आम लोगों पर होगा, क्योंकि इसे सरल बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। पहले के मुकाबले इस नए बिल में टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान होगा, साथ ही टैक्सपेयर्स को टैक्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इससे न केवल उच्च-आय वाले लोग बल्कि मध्यवर्गीय परिवारों को भी टैक्स के मामले में फायदा हो सकता है।

घट सकती है टैक्स चोरी की संभावना

इस बिल में वित्तीय योजना (Financial Planning) को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के जरिए सरकार चाहती है कि लोग अपने टैक्स प्लानिंग को बेहतर तरीके से समझें और उनका अनुपालन करें। इससे टैक्स चोरी की संभावना भी घट सकती है।

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इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को समझने में आसानी होगी, और उन्हें अपने टैक्स मामलों में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब टैक्सपेयर्स को नए नियमों और शर्तों के तहत अपनी टैक्स रिटर्न फाइलिंग करने में काफी राहत मिल सकती है।