जयपुर। देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी चल रही है, इस बीच निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर देशभर में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियां काम कर रही हैं। जिसके तहत अवैध शराब, नकदी सहित अन्य सामग्री की जब्ती की जा रही है। राजस्थान में एक मार्च से अब तक 536 करोड़ की जब्ती की जा चुकी है। देश में इस अवधि में किसी भी राज्य में इतनी बड़ी जब्ती नहीं हुई है।
16 दिनों में ही 438 करोड़ की जब्ती
देश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 16 मार्च को लागू हुई थी, तब से राजस्थान में अलग-अलग एजेंसियां 438 करोड़ कीमत की सामग्री और नकदी जब्त कर चुकी हैं।( Seizures) प्रदेश में एक मार्च से अब तक 17 जिलों में सीजर की कार्रवाई हुई। जिसमें जोधपुर में 40 करोड़, पाली में 28.30, जयपुर में 27.32, उदयपुर में 26.04, अलवर में 24.10, दौसा में 22.42, नागौर में 22.38, चूरू में 23.13, झुंझुनूं में 22, भीलवाड़ा में 21.97, श्रीगंगानगर में 20.43, बाड़मेर में 19.47, चित्तौड़गढ़ में 17.54, बीकानेर में 16.10, अजमेर में 15.05, हनुमानगढ़ में 14.54 और टोंक में 14.53 करोड़ के कैश और अन्य सामग्री की सीजर की कार्रवाई की गई। ( Loksabha Election 2024)
पिछले चुनाव से 859% की बढ़ोतरी
लोकसभा चुनाव प्रभावित ना हों इसके लिए की जा रही अवैध धन और अन्य सामग्री की सीजर की कार्रवाई में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। एक मार्च से अब तक 536 करोड़ की सीजर की कार्रवाई की गई है। अगर इन आंकड़ों की लोकसभा चुनाव 2019 से तुलना की जाए, तो इस बार राजस्थान में सीजर की कार्रवाई में 859 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव में 75 दिन में 51.42 करोड़ की सीजर की ही कार्रवाई हुई थी। जबकि इस बार 16 दिनों में ही 536 करोड़ की सीजर की कार्रवाई हो चुकी है।
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‘1.50 करोड़ कैश लेकर बकरा खरीदने जा रहे’
राजस्थान में सीजर की कार्रवाई के दौरान कैश के साथ पकड़े जाने पर आरोपी ऐसे जवाब दे रहे हैं, जो एजेंसियों के गले नहीं उतर रहे। मंगलवार को झुंझुनूं पुलिस (jhunjhunu police) ने इन तीन युवकों से एक करोड़ 54 लाख 90 हजार 600 रूपये की नकदी जब्त की है। इनके पास कुछ चेक भी मिले। पुलिस के मुताबिक कैश के साथ सीकर शहर निवासी मोहम्मद जावेद, मोहम्मद आसिफ और झुंझुनूं शहर निवासी मोहम्मद मंजूर को पकड़ा गया। खास बात ये है कि जब पुलिस ने इनसे कैश के बारे में पूछताछ की तो युवकों ने बताया कि वो इन रुपयों से बकरे खरीदने मंडी जा रहे थे। वहीं नकदी हवाला कारोबार (hawala) से भी जुड़ी होने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।