earthquake: मंगलवार को तिब्बत में भूकंप (tibet earthquake) के जोरदार झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 मापी गई है। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, अब तक 53 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करीब 62 लोग घायल हैं।
यह भूकंप (Earthquake in Tibet) मंगलवार सुबह लगभग 9:05 बजे तिब्बत के डिंगरी काउंटी इलाके में आया। भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था, और इसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर थी।
तिब्बत का सबसे पवित्र शहर
2020 के आंकड़ों के मुताबिक, डिंगरी में लगभग 60,000 लोग रहते हैं। चीन मौसम विज्ञान प्रशासन के अनुसार, डिंगरी का तापमान शून्य से 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और आज शाम को यह शून्य से 18 डिग्री नीचे तक गिर सकता है। चीन के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में भूकंप के झटके आम हैं। 2008 में सिचुआन प्रांत में आए भयंकर भूकंप में करीब 70,000 लोग मारे गए थे। ‘सीसीटीवी’ के मुताबिक, पिछले पांच सालों में शिगाजे में 29 बार भूकंप के झटके आए हैं, जिनकी तीव्रता 3 या उससे अधिक रही है।
शिगाजे तिब्बत का एक पवित्र शहर है, जहां पंचेन लामा का मुख्यालय है। पंचेन लामा तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा के बाद सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति माने जाते हैं।
नेपाल में भी महसूस हुए झटके
नेपाल में भूकंप (earthquake in nepal) के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे। कई जिलों में लोग दहशत में थे, खासकर काठमांडू में। वहां की सड़कों पर बिजली के खंभे और पेड़ हिलते हुए दिखे।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, सुबह करीब 7 बजे 4 से 5 तीव्रता के छह से अधिक झटके आए। ये झटके 2015 में नेपाल में आए बड़े भूकंप की याद दिलाने वाले थे, जिसमें लगभग 9000 लोगों की मौत हो गई थी।
भारत में भी दिखा असर
भारत में भूकंप (earthquake in india) के असर को कई राज्यों में महसूस किया गया। बिहार, असम, बंगाल और सिक्किम में धरती डोल उठी। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेगूसराय, मुंगेर, शिवहर और सारण में भूकंप के झटके आए। बंगाल के मालदा और कुछ अन्य क्षेत्रों में भी भूकंप महसूस किया गया। तिब्बत में भी रुक-रुक कर भूकंप के झटके आ रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में एक व्यक्ति ने बताया कि वह शौचालय में था जब उसने देखा कि दरवाजा हिल रहा था। भूकंप महसूस होते ही वह जल्दी से खुले स्थान पर आ गया। उसकी मां भी डर गई थी।
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