IRCTC करेगा Kedarnath के लिए Helicopter Booking, जानिए नया नियम
Dehradun: प्रसिद्द तीर्थधाम उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा (Helicopter Service) की ऑनलाइन बुकिंग का नियम में अब बदलाव आ गया है. अब केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवा (Helicopter Service) की बुकिंग आईआरसीटीसी (IRCTC) के जरिए होगी. इसके लिए श्रद्धालुओं को नियमित रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग नहीं होगी.ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले श्रद्धालुओं को ही केदारनाथ के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर की बुकिंग मिल सकेगी. अब तक पवन हंस के जरिए केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग होती थी.
हैलीपेड पर एयरपोर्ट की तरह सिस्टम होगा. हैलीपेड पर एंट्री से पहले टिकट का क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा और फिर बॉर्डिंग पास जारी किया जाएगा. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और आईआरसीटीसी के बीच टिकट बुकिंग के लिए एमओयू हुआ है. बुधवार को सचिवालय में उकाडा के सीईओ सी. रविशंकर और आईआरसीटीसी के महानिदेशक (आईटी) सुनील कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
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April के पहले हफ्ते में होगी टिकटों की बुकिंग शुरू
टिकट बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी अप्रैल के पहले सप्ताह में पोर्टल ओपन करेगा. 200 टिकट का इमरजेंसी कोटा रहेगा लेकिन इसके लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा. एक आईडी से एक बार में अधिकतम 6 टिकट बुक हो सकेंगे. ग्रुप में यात्रा के लिए एक आईडी पर अधिकतम 12 टिकट बुक हो सकते हैं. यह बुकिंग 1 अप्रैल से शुरू होगी.
चार धाम यात्रा के लिए 6 लाख रजिस्ट्रेशन
चार धाम यात्रा के लिए अब तक करीब 6 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 6 फरवरी से शुरू हुई थी. केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल प्रात: 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे.
भगवान केदारनाथ और बद्रीनाथ की ऑनलाइन पूजा के लिए जल्द शुरू होगी बुकिंग
उत्तराखंड में जल्द ही भगवान केदारनाथ और बद्रीनाथ की ऑनलाइन पूजा के लिए बुकिंग शुरू की जाएगी. इसके लिए बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति तैयारियों में जुट गई है. जल्द ही बीकेटीसी (Shri Badrinath Kedarnath Temple Committee) का डिजिटलीकरण किया जाना है. बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का कहना है कि आईटी के उपयोग का विस्तार किया जा रहा है. श्रद्धालुओं के दर्शन कराने और दान चढ़ावे की व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाया जा सके.