पुलवामा शहीद वीरांगना विवाद राज्यपाल तक पहुँचा
Jaipur: पुलवामा शहीदों (Pulwama Warriors)की वीरांगनाओं के धरने का विवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. अब इस मामले में राजस्थान (Rajasthan)के राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra)की एंट्री हो गई है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को चिट्ठी लिखकर वीरांगनाओं की समस्या पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए है. पत्र में राज्यपाल कलराज मिश्र ने, सांसद किरोड़ीलाल और वीरांगनाओं के साथ हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा है कि, उन्होंने मेरे समक्ष पेश होकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही शहीदों के परिवारों की देखभाल और उनका यथोचित सम्मान राज्य का दायित्व है. इसलिए वीरांगनाओं के अनुरोध पर विचार करें.
भाजपा (BJP) के विपक्षी नेता राज्यपाल से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर हो गए है. राजस्थान भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करके इस मामले मे राज्यपाल से दखल की मांग की है. भाजपा नेताओं ने राजभवन से वीरांगनाओं के धरना स्थल तक पैदल मार्च भी किया था. मार्च के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी और रामलाल शर्मा साथ में मौजूद थे.
एक सप्ताह से ज्यादा से समय से पुलवामा शहीदों की वीरांगना धरने पर बैठी हुई है. इस धरने को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. दूसरी तरफ शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी वीरांगना मंजू ने अनिश्चतकालीन अनशन का ऐलान कर दिया है, इस वजह गहलोत सरकार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ती जा रही है. वीरांगना के मसले को लेकर शुरू से सक्रिय सांसद किरोड़ीलाल (Kirodi Lal Meena)ने कहा कि पहले तो सरकार के मंत्री वीरांगनाओं की मांगों को जायज करार देकर गए और उसके बाद सीएम अशोक गहलोत पलटी मार गए है. साथ ही सांसद मीणा ने यह भी कहा कि, वीरांगनाओं की ऐसी कोई मांग नहीं है जो सरकार पूरी नहीं कर सकती एवं गुर्जर आरक्षण में मारे गए लोगों के आश्रितों को मिली नौकरी का उदाहरण भी दिया.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र
राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे गए पत्र में लिखा, ‘प्रिय श्री अशोक गहलोत जी, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, माननीय राज्यसभा सांसद के साथ श्रीमती मंजू जाट, श्रीमती मधुबाला, श्रीमती सुन्दरी देवी और श्रीमती रेणू सिंह जो कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर शहीदों की वीरागननाएं हैं. उनके द्वारा मेरे समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित होकर ‘इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने’ विषयक पत्र हस्तगत करवाया गया है, जो मूल रूप में संलग्न कर आपके विचारार्थ प्रेषित कर रहा हूं. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर सपूतों के परिवार की देखभाल और उनका यथोचित सम्मान राज्य का दायित्व है. अत: इन वीरांगनाओं के अनुरोध पर युक्तियुक्त विचार करते हुए कल्याणकारी राज्य की विचारधारा के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. अत: उक्त के संबंध में मेरी आपसे यह अपेक्षा है कि इस प्रकरण की गम्भीरता और विशिष्ट प्रकृति को देखते हुए आपके स्तर से तत्काल सकारात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश प्रदान किए जाएं. भवनिष्ट कलराज मिश्रा.’
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