राजस्थान के राजनितिक रण में फिर लौटी महारानी वसुंधरा राजे

Vasundhara Raje: पिछले कुछ दिनों से वसुंधरा राजे पार्टी के पोस्टरों में भी छाई हैं, यहां तक कि अब तो जिला स्तरीय कार्यक्रमों के पोस्टर्स में महारानी का ही जलवा है.महारानी अपनी शर्तों के साथ सियासत करती आई हैं, उनकी छवि राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश में एक दबंग और तेज-तर्रार नेता के रूप में होती है.महारानी जब सबके बीच होती हैं तब तो सबकी नजरों में रहती ही हैं, लेकिन अगर कुछ वक्त से लिए राजे सोशल मीडिया और सियासत से दूरी बना ले तो वो भी एक चर्चा का विषय बन जाती है, लोग पूछने लगे हैं कि आखिर महारानी कहां हैं. राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव है और अब से कुछ वक्त पहले तक राजे ईद का चांद बनी हुई थीं, लेकिन अब महारानी जलवा अफरोज़ हो चुका है, हर कोई उनके दीदार को बेकरार है, राजे के समर्थकों में खुशी की लहर है तो विरोधियों के खेमे में अजीब से बेचैनी है, क्योंकि उन्हें अब शायद ये लगने लगा है कि कहीं महारानी के आने से उनका बना बनाया खेल खराब ना हो जाए. सोशल मीडिया हो या फिर पब्लिक के बीच महारानी की मौजूदगी, उनका हर अंदाज लोगों को खूब भा रहा है. महारानी जब एक लड़की की स्कूटी पर बैठकर निकलीं तो सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गईं, हर किसी की जुबां पर बस यही चर्चा है, कि महारानी अब पुराने अंदाज में लौट चुकी हैं.

एक पुरानी कहावत है कि सौ सुनार की एक लोहार की…राजस्थान बीजेपी में वैसे तो तमाम नेता ऐसे हैं, जो सियासी मैदान के मंझे हुए खिलाड़ी मानें जाते हैं, लेकिन जब महारानी वसुंधरा राजे जलवा दिखाती हैं, तो बड़े-बड़े सियासी धुरंधरों के पसीने छूट जाते हैं. 2023 के रण से पहले मैदान में अब महारानी एंट्री मार चुकी हैं, चार साल में पार्टी के कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने खुद को बीजेपी में सीएम का चेहरा मान लिया था, लेकिन राजे के आते ही अब सबकी टेंशन बढ़ गई है, क्योंकि वसुंधरा राजे अब अपनी उसी पुरानी धमक के साथ वापसी कर रही हैं, जिसका असर दिल्ली तक होता था.
अपना वीडियो सोशल मीडिया में देखकर महारानी को भी अच्छा महसूस हुआ होगा, इसे लेकर उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा अर्पिता ने मुझे उसी स्कूटी पर बैठ यात्रा करने का निवेदन किया, जो उन्हें हमारी बीजेपी सरकार द्वारा चलाई गई योजना के माध्यम से मिली. तो फिर भला मैं कैसे मना करती? मैंने बिटिया का मान रखने के लिए स्कूटी की सवारी की और वहां मौजूद सभी बच्चियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी. इससे पहले वो डूंगरपुर के चितरी गांव में कार्यक्रम के दौरान वसुंधरा सरकार की स्कूटी योजना से लाभान्वित बेटियों से भी मिली.
ये पहला मौका नहीं है जब वसुंधरा ने इस तरह के अंदाज से लोगों को दिल जीता हो, कभी वो वृद्ध महिला के गाल सहलाती हुई नजर आती हैं, कभी वो धनुष बाण से तीर चलाकर अपने विरोधियों को चुनौती देती हुई नजर आती हैं. कभी वो बच्चों को गोद में लेकर खिलखिलाते हुई नजर आती हैं तो कभी वो वीर क्षत्राणी की तरह कमान से तलवार निकालती नजर आती हैं. कभी वो लोगों के साथ चाय की चुस्की लेती हुई नजर आती है तो कभी वो मंदिर पहुंच कर पुजारियों का आशीर्वाद लेते हुई नजर आती हैं. वसुंधरा अपने अलग अंदाज से न केवल लोगों का दिल जीत लेती हैं बल्कि अपने विरोधियों को भी करारा जबाव दे देती हैं कि उन्हें हल्के में लेने की कोई भूल ना ही करे तो अच्छा होगा.
वसुंधरा राजे ने पहले भी अपनी यात्राओं के जरिए अपनी आमद का अहसास तो करवा ही दिया है साथ ही ये संदेश भी दे दिया है कि देख लो लोग आज भी अपनी महारानी को कितना चाहते हैं, राजे कहती हैं कि वो क्षत्राणी की बेटी हैं, जाट की बहू है और गुर्जर की समधन है. इसके अलावा सभी समाज के लोगों का प्यार उन्हें मिलता है. 2003 में परिवर्तन यात्रा के जरिए उन्होंने बीजेपी को राजस्थान के इतिहास में पहली बार 120 सीटें जितवाईं थीं. 2013 में सुराज संकल्प यात्रा के जरिए महारानी ने पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाते हुए 163 सीटों पर विजय प्राप्त करवाई थी. अब एक बार फिर महारानी ग्राउंड पर हैं और फिर से महारानी के परीक्षा की घड़ी पास आ चुकी है, राजस्थान के मौजूदा सियासी हालात में अब वसुंधरा राजे कितना असर डाल पाएंगी, सबको इंतजार है.
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