Beas River: व्यास नदी का उद्गम स्थल और पौराणिक कथा, जानिए इससे जुड़ी अन्य रोचक बातें..
Interesting Facts About Beas River: भारत में इस समय भयंकर जल प्रलय देखने को मिल रही है। सडकों से लेकर बड़े-बड़े ब्रिज नदियों के उफान में बह गए। देश के कई राज्यों में इस समय हालत बेहद चिंताजनक हो गए हैं। अगर बात करें सबसे ज्यादा असर की तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। हिमाचल से लेकर उत्तराखंड खंड तक हालात बेहद चिंताजनक बने हुए है। इस वक्त हिमाचल से निकलने वाली व्यास नदी तेज़ उफान पर है। चलिए जानते हैं व्यास नदी का उद्गम स्थल, पौराणिक कथा और इससे जुड़ी अन्य रोचक बातें…
व्यास नदी का उद्गम स्थल और पौराणिक कथा:
भारत में अनेक प्राचीन नदियां बहती है। देशभर में ये पानी का सबसे बड़ा स्रोत भी मानी जाती है। भारत में बहने वाली नदियों में व्यास नदी (ब्यास नदी) भी शामिल है। इस नदी का इतिहास और पौराणिक कथा जानकर आप हैरान रह जाएंगे। व्यास नदी के उद्गम स्थल की बात करें तो यह हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई से बहती है। इस नदी की लंबाई काफी अधिक है। हिमाचल प्रदेश के साथ यह पंजाब की भी प्रमुख नदी है। रोहतांग पास से निकलने के बाद यह नदी कांगड़ा के पास जाकर तीन हिस्सों में विभाजित हो जाती है।
व्यास नदी भारत में बहने वाली सबसे प्राचीन नदियों में से एक है। इससे जुड़ी कई लोककथा प्रचलित है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस नदी का नाम वेद व्यास से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि वेद व्यास ने इस नदी का निर्माण स्रोत झील, व्यास कुंड से किया था। जिसके चलते इसको व्यास नदी के नाम से पहचान मिली है। इस नदी के बारे में यह भी कहा जाता है कि सिकंदर जब भारत पर आक्रमण करना चाहता था तो व्यास नदी उसके सामने सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थी।
व्यास नदी की सहायक नदियां:
बता दें हिमाचल से लेकर पंजाब तक ना जाने कितने गांवों और शहरों के लोगों के पानी का प्रमुख स्रोत इसी नदी को माना जाता है। इसकी कुल लंबाई करीब 500 किमी बताई जाती है। अगर बात करें इसकी सहायक नदियों की तो इसमें बाणगंगा नदी, पार्वती नदी, सैंज नदी, और सतलुज नदी का नाम शामिल है। पंजाब में जाकर व्यास नदी का सतलुज नदी में संगम हो जाता है। जिन पांच नदियों से मिलकर पंजाब का निर्माण होता है उसमें एक व्यास नदी भी शामिल है।
जानिए इससे जुड़ी अन्य रोचक बातें..
व्यास नदी हिमाचल से निकलकर कई स्थानों के लिए प्रस्थान करती है। इस दौरान यह नदी रास्ते में आने वाले सभी शहरों और गांवों में पानी का प्रमुख स्रोत मानी जाती है। इस नदी को पहले बिपाशा नदी के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा इस नदी के नाम पर पंजाब के ब्यास शहर का नाम रखा गया था।
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