अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में न भूतो न भविष्यति कहा जा सकने वाला व्यक्तिगत स्टर पे छोटा सा दान करने में आया है। नडियाद के पीज गांव के रहवासी उर्वर्शीबेहेन की अंतिम इच्छा पूरी करने हेतु उनके भाई नरेंद्रभाई ने अमेरिका से आकर सिविल अस्पताल में रू 75 लाख का दान दिया।
नरेन्द्रभाई की बेहेन उर्वशिबेहेन बीमार थी जब लगा मृत्यु निकट है तो उन्होंने वसीयत नामे में लिखवाया ,“संपत्ति को सीधा सार्वजनिक उपयोग के लिए दान करे न की मंदिर को।” भारतीय संस्कृति में भाई अक्सर अपनी बेहेन की इच्छाए पूर्ण करने के लिए तमाम प्रयास करता है। पीज गांव के नरेंद्र भाई ने अपनी बेहेन की इच्छा पूरी करने के हेतु नेक और उमदा कदम उठाया और आज और सार्वजनिक उपयोग के लिए रू ७५ लाख किया।
75 लाख का किया गया ये दान सिविल अस्पताल में व्यक्तिगत तोर पे किया गया सबसे बड़ा दान माना जा रहा है। इस बारे में नरेंद्रभाई ने कहा कि, मेरी बहन उर्वशी ने जीवन भर सार्वजनिक काम किए हैं। पाई पाई जमा कर परिवार का भरण पोषण किया है । वे साड़ी की दूकान चला ती थी। वे जीवन भर आत्मनिर्भरता की विचारधारा का पालन करते हुए हमेशा अपने पैरों पर कड़ी रही। पिछले वर्ष बीमारी जनवरी में ही उनका निधन हुआ था। अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने अपनी वसीयत में इस लोक कल्याणकारी कार्य के लिए दान देने की अंतिम इच्छा व्यक्त की।
जिस पर हमें अमेरिका से आकर आज पूरा करने पर गर्व है। नरेंद्रभाई ने आगे कहा कि सिविल अस्पताल की सेवा गतिविधियों के बारे में हमें समय-समय पर पता चलता रहता है। हमने यह दान सिविल अस्पताल के वार्डों में आवश्यक उपकरण, उपकरण, सेवाएं प्रदान करने के नेक उद्देश्य के लिए किया है।
सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में हमेशा डोनेशन का सिलसिला चलता रहा है. लेकिन हमारे नोटिस के अनुसार नरेंद्रभाई के रु75 लाख का दान सबसे बड़ा व्यक्तिगत दान है। गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार इलाज के लिए सिविल अस्पतालों को पहली प्राथमिकता देते हैं। राज्य सरकार द्वारा अस्पताल को सभी प्रकार की सुविधाएं, आवश्यकताएं प्रदान की जाती हैं। समाज व सरकार के सहयोग से सिविल अस्पताल का सेवा कार्य निरन्तर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम पूरे सिविल अस्पताल सिस्टम की ओर से नरेंद्रभाई और सद्गत उर्वशी को इस महादान के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।
बताया गया है कि दान की राशि से अस्पताल के बेड, जरूरी उपकरण और बाल चिकित्सा वार्ड के लिए उपकरण लिए जाएंगे. उर्वशीबेन पटेल सोला में रहती थीं। वसीयत में,दान मंदिर के लिए नहीं बल्कि लोगों के लिए कुछ उपयोगी करने के लिए लिखा जाता था। तो उनके भाई नरेंद्र भाई ने सिविल में डोनेशन किया है.. उर्वशीबेन साड़ी की दुकान चला रही थीं और 13 जनवरी 2022 को उनका निधन हो गया।
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