VPN पोर्न वेबसाइट का बना एक्सप्रेस हाईवे
Porn VPN (Virtual Private Network) : जिस तरह से जापान की बुलेट ट्रेन से जल्द से जल्द गतंव्य स्थान पर पंहुचा जा सकता है, उसी तरह से पोर्न एडिक्ट लोगो को प्रतिबंधित पोर्न वेबसाइट तक पहुंचने का सबसे सरल माध्यम VPN (Virtual Private Network) बनके सामने आया है. इंटरनेट पर पॉर्न कॉन्टेंट को बैन करना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने Pornhub समेत 857 पॉर्न साइट्स को बैन कर दिया था। यूजर्स को सरकार का यह फैसला खास पसंद नहीं आया था। हालांकि, यूजर्स ने इसका तोड़ ढूंढ निकाला है।अब वे VPN (Virtual Private Network) के जरिए पॉर्न वेबसाइट देख रहे हैं। VPN के जरिए पॉर्न वेबसाइट (Porn Website) तक पहुंच बनाने के मामले में 400% की बढ़ोतरी हुई है।
Internet यूजर्स ने निकाला बैन का तोड़
बैन के लागू होने के बाद रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया समेत दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर्स के यूजर्स के लिए इन पॉर्न वेबसाइट्स(Porn Website) का ऐक्सेस बंद कर दिया गया। दूसरी तरफ यूजर्स ने न सिर्फ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर इसकी आलोचना की बल्कि उन्होंने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क्स (VPNs), प्रॉक्सी और दूसरे टूल्स के जरिए बैन वेबसाइट्स को ऐक्सेस करना शुरू कर दिया।
बैन वेबसाइट्स के ऐक्सेस में 405% की बढ़त
मोबाइल में वीपीएन ऐप्स को डाउनलोड कर बैन की गई पॉर्न वेबसाइट्स को ऐक्सेस करने के मामले में 405% का इजाफा हुआ है। इसके बाद वीपीएन के जरिए पॉर्न वेबसाइट को ऐक्से करने वालों की संख्या देश में 57 मिलियन (5 करोड़ 70 लाख) तक पहुंच गई। ये आंकड़े लंदन की एक वीपीएन रिव्यू फर्म Top10VPN ने जारी किए हैं। आंकड़ों अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड किए गए वीपीएन मोबाइल ऐप पर आधारित हैं। 2019 में भारत के 89% मोबाइल फोन यूजर्स ने अपने मोबाइल में कम से कम एक बार जरूर पोर्न देखा था। मैनेजमेंट कंसल्टेंट कंपनी डेलॉयट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में अभी 75 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स हैं। आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कितनी तेजी से ऑनलाइन पोर्न कंटेंट मार्केट ग्रोथ कर रही है।
बैन के बाद VPN डाउनलोड में आई तेजी
रिसर्च फर्म ने कहा कि बैन लागू होने के तुरंत बाद ही वीपीएन (VPN) सर्च में अचानक से तेजी देखी गई। अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच मोबाइल वीपीएन डाउनलोड का औसत बढ़कर प्रतिमाह 66% हो गया था।