Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश चतुर्थी का त्योहार आने वाला है। कहा जाता है कि इन 10 दिनों के लिए गौरी पुत्र गणेश भगवान मेहमान बनकर हमारे घर आते है। और 10 दिनों के बाद हमारी सारे संकट और विग्न हर कर अपने साथ ले जाते है। इन 10 दिनों के अंदर उनकी भिन्न-भिन्न प्रकार से पूजा की जाती है। उनके आने पर हर्षोल्लास के गाना बजाना होता है। गणेश चतुर्थी हिंदु पचांग के अनुसार भाद्रपक्ष में मनाई जाती है।
घर पर आ रहे है मेहमान
इस बार अगर आप भी अपने घर में गणपित जी को मेहमान बनाकर ला रहे है तो उन्हें भगवान न समझे और उन्हें भगवान की जगह मेहमान मानकर उनका स्वागत करें। इसके साथ भी हर चीज उनकी पसंद की बनाएं और उन्हें भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में वितरित कर दें। इसके साथ ही उन्हें अकेला न छोड़े, उनके साथ वैसे ही बर्ताव करें जैसे आप अपने मेहमानों के साथ करते है। अगर आप भी ये सब करेंगे तो बप्पा निश्चित ही आपके सारे कष्ट हर ले जाएंगे।
बच्चों जैसे प्यार करें
गणपति जी एक बच्चे के रूप में ही हमारे घर आते है। इसलिए जब भी उन्हें घर लाएं तो याद रखे कि आपके घर में एक बच्चा आया है, इसलिए उनका ख्याल रखें, उन्हें वहां विराजमान करें, जहां से उन्हें पूरा घर औऱ पूरा घर उन्हें देख सके। बप्पा हमारे भोले बाबा के पुत्र है जिसके कारण उनमें भी उतना ही भोलापन है, जितना शिव जी के अंदर है। इसलिए उनके साथ बच्चों जैसा ही व्यव्हार करें।
न चढ़ाएं सफेद चीजें
गणेश जी को सफेद चीजें जैसे – सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा से माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने भगवान गणेश की उपहास किया था जिस कारण गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था। यही कारण है कि गणेश जी को सफेद चीजें अर्पित नहीं की जाती। इसके साथ ही गणपति जी (Ganesh Chaturthi 2023) को केतकी के फूल भी पसंद नहीं है इसलिए उन्हें केतकी के फूल न अर्पित करें।
इन बातों का रखे ध्यान
गणेश जी (Ganesh Chaturthi 2023) की पूजा में कभी भी टूटे हुए या सूखे अक्षत अर्थात चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपको बप्पा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। क्योंकि अक्षत का अर्थ ही होता है जिसको कोई क्षति न हुई हो यानी जो पूरा हो, बिना किसी टूट-फूट के। इसलिए पूजा में प्रयोग होने वाले साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है।
विराजमान करने से पहले इसे भी रखे ध्यान
- गणपति बप्पा की मूर्ति बाजार से खरीद रहे हैं या घर में बना रहे हैं, ध्यान रखें कि भगवान गद्दी पर बैठे हुए हों। इसके साथ ही मूर्ति में उनका वाहन मूषक यानि चूहा भी होना चाहिए और कुछ मोदक भी। ये सारी चीज़ें घर में पॉजिटिव एनर्जी लेकर आती हैं।
- गणपति बप्पा को लाल चुनरी या कोई लाल कपड़ा ओढ़ाकर घर में लेकर आएं।
- घर के उत्तर भाग, पूर्व भाग या पूर्वोत्तर भाग में गणेश जी की मूर्ति रखें।
- गणपति बप्पा की मूर्ति की पूर्व दिशा में कलश रखें और दक्षिण पूर्व में दीया जलाएं।
- गणपति की मूर्ति के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि को भी स्थापित करें और साथ में एक-एक सुपारी रखें।
- गणपति भगवान को लाल रंग बहुत प्रिय है, तो गणेश चतुर्थी की पूजा लाल रंग के वस्त्र के पहनकर ही करें और गणपति बप्पा को भी पूजा में लाल रंग के फल, फूल चढ़ाएं।
- अगर आप गणेश चतुर्थी पर घर में गणपति बिठा रहे हैं, तो रोजाना समय पर उनकी पूजा व आरती करें। दिन में 3 बार भगवान को भोग लगाएं।
- गणपति की पूजा में उनका प्रिय भोग मोदक और मोतीचूर का लड्डू जरूर चढ़ाएं। इससे मनचाहा फल मिलता है।
विसर्जन से पहले करें मन की बात
जब भी आप बप्पा को विसर्जित करने जाएं तो खूब नाचकर उन्हें खुशी से विदा करे। इसके साथ ही माना जाता है कि वह फिर अपने माता-पिता के पास जा रहे होते है। इसलिए धीरे से उनके कानों में अपने मन की अरदास कह दें और यकीन मानिए आप की चाहे कोई भी अरदास हो वह जरूर पूरी होती है।
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