हमास के हमले के बाद खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ पर लगा सवालिया निशान!, कैसे हुई इतनी बड़ी चूक..?
Intelligence Agency Mossad: इजरायल और हमास के बीच पिछले कई घंटों से खुनी जंग जारी है। हमास ने एक दिन पहले इजरायल पर इस सदी का सबसे बड़ा हमला किया। इसमें करीब 300 लोगों की मौत के साथ एक हज़ार से अधिक लोग घायल हो गए। इसके जवाब में इजरायल (Intelligence Agency Mossad) की सेना ने पलटवार करते हुए गाज़ा पट्टी पर हमला किया। यहां भी करीब 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अब तक इस हमले में कुल 500 लोग मौत के आगोश में शमा गए हैं। भले ही हमास हमला करने में कामयाब हो गया हो लेकिन अब उसको इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लेकिन इस हमले के बाद दुनियाभर में खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ की चर्चा हो रही हैं। आखिर कैसे दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसी कहे जाने वाली ‘मोसाद’ से इतनी बड़ी चूक हुई…चलिए जानते हैं ‘मोसाद’ से जुड़ी कुछ ख़ास बातें…
दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसी:
हर देश के पास अपनी खुद की एक खुफिया एजेंसी होती हैं, जिसके लिए काम करने वाले लोग पूरी दुनिया में अपनी पहचान छुपा के रहते हैं। वो किसी भी बड़ी घटना को रोकने के लिए बिल्कुल एक्टिव रहते हैं। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसी का दर्जा मिला हैं। कहा जाता हैं कि इजरायल की ख़ुफ़िया एजेंसी के आगे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी कहीं नहीं टिकती हैं। लेकिन मोसाद अपने ही देश के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश को नहीं भांप पाई। इजरायल पर हुए सदी के सबसे बडे हमले के बाद उसके खुफिया तंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे ज्यादा ज्यादा सवाल इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद पर हो रहे हैं।
कैसे हुई मोसाद की स्थापना:
अगर बात करें मोसाद के के इतिहास की तो वो कई सालों पुराना हैं। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का गठन करीब 75 साल पहले हुआ था। रियुवैन शिलोह को मोसाद का पहला डायरेक्टर बनाया गया था। इसका मुख्यालय इजराइल के तेल अवीब शहर में है। इस एजेंसी का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना और खुफिया जानकारी एकत्रित करना है। बताया जाता हैं कि इसके जासूस ज्यादातर देशों में मौजूद हैं। जो हर एक गतिविधि पर खुफिया नजर रखते हैं।
ईरान को मोसाद से बड़ा खतरा!
बता दें इजरायल और ईरान एक दूसरे के बड़े दुश्मन माने जाते हैं। इजरायल ने आज तक ईरान को अपने न्यूक्लियर मिशन को पूरा नहीं करने दिया हैं। जब भी ईरान अपने न्यूक्लियर मिशन को पूरा करने का प्रयास करता हैं तो मोसाद के जासूस तुरंत इसका पता लगाकर बड़ी कार्रवाई कर देते हैं। कुछ सालों पहले जब ईरान अपने मिशन को पूरा करने ही वाला था कि मोसाद ने अपने 1000 जासूसों की मदद से न्यूक्लियर मिशन फेल कर दिया था। लेकिन अब लोगों के मन में एक ही सवाल हैं कि दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद से इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।
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