Shahrukh Gauri Wedding Anniversary : जब भी किसी बॉलीवुड कपल की बात होती है तो शाहरुख खान और गौरी खान की बात जरूर होती है। जहां एक तरफ बॉलीवुड के बादशाह है वहीं दूसरी ओर गौरी खान भी आज एक सक्सेसवूमेन है। इंटीरियर डिजाइनिंग की दुनिया में गौरी खान भी जानी-मानी हंस्ती हैं। आज ये कपल अपनी 32वीं मैरिज एनिवर्सिरी मना रहे है। इस मौके पर आज हम आपको उनकी लवस्टोरी के बारे में कुछ बताने जा रहे है।
किसी फिल्म से नहीं है कम
कहा जाता है कि अगर किसी लव स्टोरी में कुछ प्रॉब्लम नहीं है तब तक वह स्टोरी लव स्टोरी नहीं होती है। ऐसी ही कहानी शाहरुख और गौरी की है। शाहरुख ने कई बार बताया है कि जब उन्होंने पहली बार गौरी को देखा था तो वह पहली बार में उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। अब शाहरुख को गौरी से प्यार तो हो गया था लेकिन वह अपनी दिल की बात गौरी से कहने से डरते थे। हालांकि जब शाहरुख ने हिम्मत करके अपने दिल की बात गौरी को बताई तो यहां से दोनों की प्रेम की शुरुआत हो गई। हालांकि अभी इस लवस्टोरी (Shahrukh Gauri Wedding Anniversary) में अभी कई अड़चने आने वाली थी।
तीसरी मुलाकात में मिल गया नंबर
काफी हिम्मत जुटाने के बाद तीसरी मुलाकात में शाहरुख ने आखिरकार गौरी का नंबर हासिल कर लिया था। नंबर हासिल करने के बाद शाहरुख खान ने गौरी खान से बात करने के बहाने ढूंढना शुरू किया और अपने प्यार को हासिल करने में जुट गए। शाहरुख ने अपनी दोस्त से गौरी के घर फोन कराना शुरू किया और शाहीन नाम के कीवर्ड का इस्तेमाल करने लगे। जब भी शाहीन नाम की लड़की का फोन गौरी के घर जाया करता था, तो वह समझ जाती थीं कि शाहरुख ने फोन किया है। इस तरह से दोनों की लंबी-लंबी बातें होनी शुरू हुईं।
गौरी के लिए दर-दर भटके थे शाहरुख
दोनों की लव स्टोरी (Shahrukh Gauri Wedding Anniversary) जैसे ही शुरू हुई तो शाहरुख खान गौरी पर कुछ बंदिशे लगाने लगे। जैस बाल मत खोलो या छोटे कपड़े मत पहनो। इन सब से तंग आकर गौरी गुस्से में चुपचाप शाहुरुख को बिना बताए मुंबई चली गई थी। इसके बाद भी शाहरुख भी बिना कुछ समझे गौरी को तलाशने मुंबई चले गए। जबकि शाहरुख को गौरी का कुछ पता नहीं था और वह गौरी को तलाशते हुए दर-दर भटकने लगे।
धर्म बना पहली बाधा
जैसा कि शाहरुख मुस्लिम थे और गौरी एक हिंदु थी। जिसके कारण सबसे पहले तो धर्म ही इन दोनों की लव स्टोरी की पहली बाधा बन गया था। हालांकि दोनों धर्म को दरकिनार करते हुए प्यार का रास्ता चुना। जैसे ही गौरी के घर वालों को इनके प्यार की भनक लगी तो पूरा परिवार इस रिश्ते को खत्म करने में जुट गया।
ज्योतिष का लिया सहारा
गौरी की मां और शाहरुख की सास ने पूरी कोशिश की वह शाहरुख और गौरी का रिश्ता तुड़वा सकें। इसके लिए उन्होंने कई ज्योतिषी के चक्कर भी काटे लेकिन यह ऱिश्ता नहीं टूट सका। दरअसल, गौरी के पिता रमेश छिब्बर पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के साथ काम कर चुके थे। उन्होंने फिल्मी दुनिया को बेहद करीब से देखा था। वह जानते थे कि शाहरुख की कमाई इतनी ज्यादा नहीं है, जिससे वह गौरी को खुश रख पाएंगे।
जब साले ने ही तान दी बंदूक
गौरी और शाहरुख शादी (Shahrukh Gauri Wedding Anniversary) के बंधन में बंधना चाहते थे लेकिन धर्म सबसे बड़ी बाधा थी। हालांकि शाहरुख गौरी के लिए अपना धर्म तक बदलने के लिए तैयार थे। फिल्म पत्रकार अनुपमा चोपड़ा की किताब ‘King of Bollywood: Shah Rukh Khan and the Seductive World of Indian Cinema’ के मुताबिक शाहरुख के साले और गौरी खान के भाई ने शाहरुख पर बंदूक तक तान दी थी और उन्हें गौरी से दूर रहने की धमकी तक दी थी। शाहरुख ने खुद कई चैट शो में बताया है कि गौरी के भाई उन्हें धमकाते थे कि वह गौरी से दूर हो जाएं।
घरवालों ने कपल के प्यार के सामने मानी हार
शाहरुख और गौरी का प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ता जा रहा था। बहुत कोशिशों के बाद भी गौरी के घरवाले भी इस रिश्ते को तुड़वाने में कामयाब नहीं हो सके और अंत में गौरी के घरवालों ने इस प्यार के सामने हार मान ली। इसके बाद इस कपल ने सबसे पहले कोर्ट मैरिज की और इसके मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह किया और अंत में हिंदु रीति रिवाज से शादी की और 25 अक्टूबर, 1991 को शाहरुख और गौरी हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गये।
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