Nathdwara Shrinathji Temple: एक ऐसा मंदिर जहां लोग लूटते हैं भगवान का भोग, 350 सालों से चलती आ रही परंपरा
Nathdwara Shrinathji Temple: क्या आपको पता है राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां आदिवासी लोग भगवान का भोग लूट ले जाते हैं और ये परंपरा करीब 350 साल पुरानी है…
जैसे कि आपको पता है कि हाल ही में पूरे देश में दिवाली का त्योहार मनाया गया। ऐसे में ही राजस्थान के मेवाड़ की एक परंपरा है। देशभर में मशहूर मेवाड़ कृषणधाम श्रीनाथ जी में रात को परंपरा के मुताबिक बड़ी संख्या में आए आदिवासियों ने मंदिर में से अन्नकूट लूट लिया।
350 साल पहले से चलती आ रही परंपरा
दरअसल (Nathdwara Shrinathji Temple) अन्नकूट क्षेत्र के आदिवासी मंदिर में सैंकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं। और प्रसाद और चावल को लूटकर अपनी झोली में डालकर घर ले जाते हैं। हैरानी कि बात तो ये है कि कहा जाता है कि आदिवासी इस अन्नकूट को लूटकर अपने घर ले जाते हैं और अपनी तिजोरी और बाकी जगहों पर रखते हैं। इससे पूरे साल इनके घर में अन्न की कमी नहीं होती. अन्नकूट को मटकी, झोली समेत बाकी तरीके से आदिवासी अपने घर ले जाते हैं। कहा जाता है कि इस समय मंदिर के द्वार सिर्फ आदिवासियों के लिए ही खोले जाते हैं।
दिवाली के दूसरे दिन होता है आयोजन
ये आयोजन दीपावली के दूसरे दिन होता है. जहां अन्नकूट का भोग लगता है. ये अन्नकूट साठ प्रकार के व्यंजनों से तैयार किया जाता है. जिसे भगवान श्रीनाथजी को चढ़ाया जाता है.
गर्म प्रसाद को हाथों में लेते हैं भक्तजन
प्रसाद लूटने की ये परंपरा काफी भक्तिभोर होती है. करीब 20 किवंटल चावलों को पका कर एक ढेर लगा दिया जाता है. काफी गर्म प्रसाद होने के बावजूद आदिवासी भक्त इसमें टूट पड़ते हैं और इसका महत्त्व इतना है कि इसे अपने घर ले जा कर तिजोरी में रखते हैं. अन्नकूट प्रसाद को बेहद पवित्र माना जाता है।
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