Vasundhara Raje : राजस्थान में मिली बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी के बीच घमासान चल रही है। बुधवार देर रात भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर लंबी बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे। इस बैठक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान के मुखयमंत्री के नामों को लेकर भी चर्चा की गई है। इस बैठक के बावजूद भी ये निश्चित नहीं हो पाया है कि राजस्थान में सीएम पद की कुर्सी किसके नाम होगी। बुधवार रात वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) दिल्ली भी आ चुकी हैं। कयास हैं कि उनकी मुलाकात आज आलाकमान से भी हो सकती है। आइए समझते हैं कि कौन से ऐसे फैक्टर हैं जो वसुंधरा राजे को राजस्थान सीएम पद का प्रबल दावेदार बनाते हैं…
1. राजस्थान में बीजेपी का बड़ा चेहरा
वसुंधरा राजे को सीएम पद का उम्मीदवार इसलिए माना जा रहा है क्योंकि राजस्थान में बीजेपा के पास उनसे बड़ा और कोई चेहरा नहीं है। इसके साथ ही वसुंधरा राजस्थान की दो बार सीएम भी बन चुकी है, जिसके कारण उन्हें इस बात का अनुभव भी है कि राज्य कैसे चलता है। भले ही इस बार का चुनाव बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा हो लेकिन अभी तक बीजेपी ने वसुंधरा को साइडलाइन नहीं किया है, जिसके कारण लोग कयास लगा रहे है कि वसुंधरा को राजस्थान का सीएम घोषित किया जा सकता है। वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को बीजेपी ने टिकट दिया और वो विधायक भी बने। जिसका मतलब साफ है कि उनकी छवि अच्छी है।
2. दो बार की राजस्थान की मुख्यमंत्री
दूसरा फैक्टर ये है कि वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) पहले दो बार राजस्थान की सीएम रह चुकी हैं। सरकार चलाने में वसुंधरा राजे का अनुभव काम आ सकता है। वसुंधरा राजे को प्रशासन की अच्छी समझ है। बीजेपी भी इसका फायदा उठाना चाहेगी। दो बार की सीएम वसुंधरा राजे राजस्थान के लोगों और वहां की राजनीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। ऐसे में किसी नए चेहरे पर दांव लगाना ज्यादा रिस्की हो सकता है। बल्कि, वसुंधरा राजे जैसी अनुभवी नेता राजस्थान की कमान संभालने में औरों से ज्यादा बेहतर साबित हो सकती हैं।
3. 2024 में विरोध नहीं चाहती बीजेपी
तीसरा फैक्टर ये है कि कुछ ही महीनों बाद 2024 का लोकसभा चुनाव होना है और बीजेपी उससे पहले राजस्थान में किसी तरह के विरोध का रिस्क नहीं लेना चाहती है। वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) राजस्थान की एक ताकतवर नेता हैं। अगर वसुंधरा राजे को सीएम नहीं बनाया जाता है तो वह खुद और उनके समर्थक नाराज हो सकते हैं। 2024 के चुनाव पर इसका असर पड़ सकता है। 2014 और 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने राजस्थान की 25 में से 25 सीटें जीती थीं। यहां उनका शत प्रतिशत रिकॉर्ड हैं। ऐसे में किसी भी तरह की ढील का मौका बीजेपी नहीं देना चाहेगी।
4. कई विधायकों का है समर्थन
चौथा फैक्टर ये है कि वसुंधरा राजे बीती रात जयपुर से दिल्ली पहुंची हैं और इससे पहले ही वह राजस्थान के करीब 60 विधायकों से मुलाकात कर चुकी हैं। कहा जा रहा है कि चुनकर आए बीजेपी विधायकों में वसुंधरा राजे के समर्थकों की अच्छी खासी संख्या हैं। इससे भी वसुंधरा राजे का दावा सीएम पद के लिए मजबूत होता है।
5. सभी जातियों को साधने में हैं सक्षम
वसुंधरा राजे के साथ बीजेपी की वह नीति भी फिट बैठती है, जिसके तहत हरियाणा नॉन जाट को सीएम को बनाया गया। मतलब अगर एक राज्य में किसी जाति की संख्या ज्यादा है तो सीएम उससे अलग जाति का होना चाहिए। राजस्थान में राजपूत, ब्राह्मण, गुर्जर, ओबीसी, दलित और आदिवासी जैसे तमाम वर्ग-जाति के लोग हैं। लेकिन बीजेपी इन सबसे अलग वसुंधरा राजे को मौका देने के बारे में सोच सकती है। इससे वह जाति के संघर्ष से भी बच सकती है। माना जा रहा है कि अगर वसुंधरा राजे से जुड़े इन फैक्टर्स पर बीजेपी विचार करती है तो वसुंधरा राजे को गद्दी मिल सकती है।
हालांकि, वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की लीडरशिप में कुछ खामियां भी गिनाई जाती हैं। उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवादहीनता का आरोप है। आम कार्यकर्ताओं से दूरी का आरोप है। पीएम मोदी और अमित शाह से उनकी तल्खी की बात भी कही जाती है। एक और बढ़ती उम्र का फैक्टर भी वसुंधरा राजे के पक्ष में नहीं जाता है, बाकी ये तो देखने वाली बात होगी कि बीजेपी वसुंधरा राजे को राजस्थान की गद्दी पर बैठाएगी या नहीं।
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