Mysterious Cave

Mysterious Cave: आज भी इस गुफा में सुरक्षित है गणेश भगवान का कटा हुआ सिर,जानें इस गुफा का रहस्य

Mysterious Cave: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। कोई भी मंगल कार्य गणेश भगवान के आशीर्वाद के बिना शुरू नहीं होता। हम सभी इस कथा से भलीभांति अवगत है कि भगवान शिव ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का सिर धर से अलग कर दिया था और फिर मां पार्वती के अनुरोध पर ही भगवान शिव ने गणेश जी के मुख पर शीशु हाथी का मुख लगाया था। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब गणेश जी का सिर धर से अलग किया गया तो वह कहां जाकर गिरा? आपको जानकर हैरानी होगी कि गणेश भगवान का ​असली सिर आज भी भारत के एक गुफा (Mysterious Cave) में सुरक्षित मौजूद है। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते है इस गुफा से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें:—

क्या है पाताल भुवनेश्वर गुफा:-

पाताल भुवनेश्वर उत्तराखंड के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर दूर पहाड़ों की बीच बना स्थित है। पाताल भुवनेश्वर में मौजूद गणेश जी की मूर्ति की वजह से इसे आदि गणेश के नाम से भी जाना जाता है। मान्यतानुसार इस गुफा की खोज 1191 ई. में आदिशंकराचार्य द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि गणेश भगवान के इस कटे सिर की रक्षा स्वयं ​भगवान शिव करते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गुफा में गणेश जी के कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल रूप की एक चट्टान ​बनी हुई है जिससे लगातार अमृत की बूंदे गणेश जी के शिलारूपी मस्तक पर टपकती रहती है। माना जाता है कि इस ब्रह्मकमल की स्थापना भी भगवान शिव ने ही की थी। बता दें कि पाताल भुवनेश्वर गुफा समुद्र तल से 1,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और जो 160 मीटर लंबी है व 90 मीटर गहरी है।

Mysterious Cave

इस दिन होगा कलियुग का अंत:-

काफी कम लोग जानते है कि पाताल भुवनेश्वर गुफा में चार युगों के प्रतीक के रूप में चार पत्थर मौजूद है। इनमें से एक पत्थर धीरे धीरे उपर की तरफ उठ रहा है। इस पत्थर को कलयुग का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि यह पत्थर एक हजार साल में एक बार बढ़ता है और जिस दिन यह पत्थर दीवार से टकराएगा उस दिन कलयुग का अंत हो जाएगा। माना जाता है कि यह गुफा स्वयं भगवान शिव ने स्थापित की थी। तो वहीं इस गुफा की खोज पहली बार त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण ने की थी। वह एक बार एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफा में पहुंच गए थे। तभी उन्हें यहां स्थित सभी देवी देवताओं के दर्शन हुए थे।

33 कोटि देवता हैं विराजमान:-

यह गुफा अपने आप में पूरा देवलोक समाएं हुए है। पाताल भुवनेश्वर गुफा में भगवान गणेश शिलामूर्ति के अलावा भगवान शिव समेत 33 कोटि देवी देवताओं की मूर्ति विराजमान है। यहां पर बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ के भी दर्शन होते है। बद्रीनाथ में बद्री पंचायत की शिला मूर्तियां है जिसमें यम, कुबेर,लक्ष्मी,वरूण,गरूड़ ओर गणेश भगवान शामिल है। इस पंचायत के ऊपर बाबा अमरनाथ की गुफा बनी हुई है और यहां पर पत्थर की बड़ी जटाएं भी फैली हुई है। इस मंदिर में पूजा के लिए पंडितों को जंजीरों या लोहे की मजबूत चैन का सहारा लेकर ऊपर आना पड़ता है।

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