चाहे डोमेस्टिक यात्रा हो या इंटरनेशनल, हवाई यात्रा एक अच्छा विकल्प है। हवाई जहाज ने कहीं भी यात्रा करना आसान बना दिया है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस 2022 दुनिया भर में 7 दिसंबर को मनाया जाता है। विमानन न केवल यात्रा में बल्कि बचाव कार्यों के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संकट के समय एयर इंडिया ने अक्सर दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को बचाया है। इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे के मौके पर आइए जानते हैं एयर इंडिया के ऐसे ही 5 रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में।
ऑपरेशन गंगा
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान, उस देश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार द्वारा ऑपरेशन गंगा को लागू किया गया था। युद्ध के दौरान यूक्रेन का हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद था। हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड और रोमानिया से लोगों को निकाला गया। इस बार हजारों लोगों को बचाया गया।
कुवैत एयरलिफ्ट
‘वंदे भारत मिशन’ सरकार का दूसरा सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन है। 1990 में इराकी सेना के कुवैत में घुसने के बाद युद्ध शुरू हुआ। इस बीच, एयर इंडिया ने कुवैत से लगभग 175,000 लोगों को निकाला। एयर इंडिया के इस ऑपरेशन को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज किया गया है।
वंदे भारत मिशन
मिशन की शुरुआत कोरोना वायरस महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए की गई थी। इस दौरान 18 लाख से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया। कई भारतीयों को न केवल विमान से बल्कि नौसेना द्वारा जहाजों द्वारा भी घर वापस लाया गया। इस मिशन के दौरान विमानों ने करीब 30,000 उड़ानें भरीं।
ऑपरेशन होम कमिंग
वर्ष 2011 में लीबिया में गृहयुद्ध की शुरुआत हुई। इस समय भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन होम कमिंग’ शुरू किया गया था। इस दौरान 15,400 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकाला गया।
ऑपरेशन राहत
2015 में यमनी सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ। इस समय कई भारतीय यमन में फंस गए थे। इन भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन राहत चलाया गया। सरकार ने यमन से लगभग 7,000 लोगों को निकाला। इसमें भारतीयों के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
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