Magh Bihu Festival: माघ बिहू है असम में फसल का उत्सव, दर्शाता है लोगों और उनकी खेती की भूमि के बीच सम्बन्ध को
Magh Bihu Festival: माघ बिहू, जिसे भोगाली बिहू (Bhogali Bihu) के नाम से भी जाना जाता है, असम राज्य (Assam) में मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव है। यह बिहू त्योहार श्रृंखला (Magh Bihu Festival) का एक हिस्सा है और कटाई के मौसम के अंत का प्रतीक है। माघ बिहू (Magh Bihu) जनवरी 14-15 को उत्साह और जीवंत सांस्कृतिक उत्सव के साथ मनाया जाता है। माघ बिहू न केवल फसल के लिए आभार व्यक्त करने का समय है बल्कि असमिया लोगों की सांस्कृतिक पहचान और कृषि परंपराओं का उत्सव भी है। यह त्यौहार असम के लोगों और उनकी खेती की भूमि के बीच घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।
माघ बिहू मुख्य रूप से एक फसल उत्सव (Magh Bihu is a harvest festival) है, जो असम में फसल कटाई के मौसम की समाप्ति का जश्न मनाता है। यह किसानों के लिए खुशी मनाने और भरपूर फसल के लिए आभार व्यक्त करने का समय है। यह त्यौहार दावत और मौज-मस्ती के साथ मनाया जाता है क्योंकि लोग फसलों की प्रचुरता का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। पारंपरिक असमिया व्यंजन, विशेष रूप से नई कटी हुई फसलों से बने व्यंजन, तैयार किए जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच साझा किए जाते हैं।
भोगाली बिहू परंपराएँ (Bhogali Bihu traditions)
माघ बिहू को भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें “भोगाली” का अर्थ दावत करना है। लोग खेतों में अस्थायी आश्रय स्थल बनाते हैं जिन्हें “भेलाघर” के नाम से जाना जाता है, जहां सामुदायिक दावतें होती हैं। माघ बिहू के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक में मेजी और उरुका का निर्माण शामिल है, जो अस्थायी झोपड़ियाँ या संरचनाएँ हैं। माघ बिहू से पहले की रात को “उरुका” कहा जाता है और अलाव के चारों ओर इकट्ठा होकर प्रार्थना करने की प्रथा है। अगले दिन, पुराने वर्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले मेजी को आग लगा दी जाती है, जो अतीत के अंत और एक नए कृषि चक्र की शुरुआत का प्रतीक है।
पारंपरिक लोक गीत, नृत्य और मिठाइयां (Traditional folk songs, dances and sweets)
अन्य बिहू त्योहारों की तरह, माघ बिहू पारंपरिक असमिया लोक गीतों और नृत्यों के साथ मनाया जाता है। लोग बिहू नृत्य में संलग्न होते हैं, जो एक जीवंत और ऊर्जावान नृत्य शैली है जो उत्सव का एक अभिन्न अंग है। माघ बिहू के दौरान विशेष पारंपरिक मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं जिन्हें पीठा और लारू के नाम से जाना जाता है। पीठा एक प्रकार का चावल का केक है, और लारू तिल और गुड़ से बनाया जाता है। उत्सवों के दौरान इन मिठाइयों का आदान-प्रदान और वितरण किया जाता है। माघ बिहू मनोरंजक गतिविधियों का समय है, और विभिन्न पारंपरिक खेल और खेल आयोजित किए जाते हैं। इसमें भैंसों की लड़ाई, पारंपरिक नाव दौड़ और अन्य स्वदेशी खेल जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक जुलूस माघ बिहू उत्सव की एक आम विशेषता है। प्रतिभागी अक्सर पारंपरिक पोशाक पहनते हैं और असमिया कला रूपों का प्रदर्शन करते हैं। यह त्यौहार सामुदायिक जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देता है क्योंकि लोग फसल का जश्न मनाने, भोजन साझा करने और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं। यह आनंद, एकता और कृतज्ञता का समय है।
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