Ram Mandir Inaguration : राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे… जब कभी भी ये नारा सुनाई देता है तो याद आता है वो संघर्ष जब लाखों कारसेवक इस नारे को लगाते हुए अयोध्या की तरफ बढ़ रहे थे। कहते है किसी भी आंदोलन की जान उस आंदोलन की नारे होते है क्योंकि वह लोगों में जोश जगा देते है। क्या आपको पता है रामलला हम आएंगे..मंदिर वहीं बनाएंगे.. ये वाला नारा किसने दिया था..अगर आपको नहीं पता है तो फिकर मत कीजिए.. हम आज आपको बताएंगे कि ये नारा किसने दिया था।
22 साल के लड़के ने दिया था नारा
ये नारा किसी साधु-संत ने नहीं बल्कि एक 22 साल के एक लड़के जो अयोध्या से करीब एक हजार किलोमीटर दूर एक कार्य़क्रम में मौजूद था और अचानक भीड़ के बीच अचानक उसने एक लाइन बोल दी जो भीड़ जो राम जन्म भूमि आंदोलन का प्रतीक बन गई..
दिन था 1 फरवरी,1986 का फैजाबाद के जिल जज केएम पांडेय के आदेश पर बाबरी मस्जिद- जन्म स्थान पर जड़ा करीब 37 साल पुराना ताला खुल गया था। अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ये फैसला किया था। जाहिर था इस फैसले से वह हिंदुओं का समर्थन प्राप्त करना चाहते थे। इस फैसले मुस्लिम समुदाय काफी नाराज हो गया था। नाराजगी जाहिर करने और बाबरी मस्जिद पर अपना हक कायम करने के लिए 1986 में बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी बना दी गई थी।
सत्यनारायण मौर्य़ के नारों से गूंजा परिसर
वहीं कोर्ट के आदेश के बाद ताला खुलने के बाद राम लला की पूजा शुरू हो गई थी। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद की ओर से लगातार राम जन्म भूमि के लिए आंदोलन हो रहे थे। इसी साल यानी कि साल 1986 में उज्जैन में बजरंग दल का शिविर लगा था। उस शिविर में एम कॉम की पढ़ाई कर रहा एक शख्य सत्यनारायण मौर्य़ मौजूद था।
शिविर के दौरान शाम को जब सांस्कृतिक कार्य़क्रम हो रहे थे। सभी लोग भगवान श्री राम की भक्ति में लीन थे। इस दौरान सत्यनारायण मौर्य़ ने एक नारा उछाला रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे.. फिर क्या था.. थोड़ी ही देर में पूरी भीड़ एक साथ इस नारे को लगाने लगी। धीरे-धीरे ये नारा राम जन्मभूमि आंदोलन (Ram Mandir Inaguration) का प्रतीक बन गया।
विपक्ष ने उठाए सवाल
बीजेपी की विपक्षी पार्टियों ने इस नारे को लेकर पैरोडी भी बनाई। इस नारे में एक लाइन और जोड़ दी गई। और विपक्ष का नारा हो गया, राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे…और ये बात सच भी थी क्योंकि 1986 में बने इस नारे के बाद साल 1989 में पालमपुर में हुए अधिवेशन में बीजेपी ने राम मंदिर को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल कर लिया.. तब से यानी कि 1989 से 2019 के बीच लोकसभा के कुल 9 चुनाव हुए।
हर चुनाव में बीजेपी के पास राम मंदिर का मुद्दा बना ही रहा। शुरुआत में 1996 में 13 दिन, फिर 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में पूरे पांच साल के लिए बीजेपी की सरकार रही। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे, लेकिन राम मंदिर नहीं बना। 2014 में और फिर 2019 में लगातार दो बार नरेंद्र मोदी भी प्रधानमंत्री बने। उनके भी चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर का मुद्दा शामिल रहा, लेकिन मंदिर नहीं बना।
विपक्ष बार-बार बीजेपी को ताने देता रहा कि राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे…लेकिन तारीख भी आ गई, क्योंकि फैसला सुप्रीम कोर्ट का था। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को मंदिर के शिलान्यास की तारीख आई और अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Inaguration) की भी तारीख तय है।
सत्यनारायण मौर्या का दिया नारा, राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे…सच साबित हो गया है और विपक्ष के तारीख नहीं बताएंगे वाले सवाल का जवाब भी अब पूरी दुनिया को पता है।
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