Rajasthan Jaat Reservation

Rajasthan Jaat Reservation राजस्थान में जाट समाज करेगा रेलवे ट्रैक पर कब्ज़ा, आरक्षण की मांग

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Rajasthan Jaat Reservation: राजस्थान में जाटों ने आरक्षण (Rajasthan Jaat Reservation) की मांग को लेकर आन्दोलन करने की घोषणा कर दी है। इसको लेकर राजनीति में भी खूब उठापटक शुरू हो गयी है। 10 दिन में अगर केंद्र सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो जाट आन्दोलन (Rajasthan Jaat Reservation) उग्र करने की बात कही गयी है।

कांग्रेस नेता विश्वेन्द्र सिंह ने सर्व समाज का समर्थन माँगा

कांग्रेस नेता और कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री रहे विश्वेन्द्र सिंह आरक्षण संघर्ष समिति के सरंक्षक हैं। उन्होंने मंच पर आ कर आरक्षण की मांग को लेकर आन्दोलन (Rajasthan Jaat Reservation) करने की बात को समर्थन दिया। विश्वेन्द्र सिंह ने सभी समाज के लोगों को इस आन्दोलन का समर्थन करने का आवाहन भी किया।

गुर्जर आन्दोलन में पहले भी हुआ है रेलवे ट्रैक पर कब्ज़ा

राजस्थान ने पहले भी कई उग्र आन्दोलन देखे हैं। गुर्जर आन्दोलन में कई दिनों तक रेलवे ट्रैक पर आन्दोलनकारियों ने कब्ज़ा किया था। बाद में समझाइश और आश्वासन के बाद आन्दोलन ख़त्म किया गया। धौलपुर और भरतपुर जिले के लिए केंद्र में जाट आरक्षण (Rajasthan Jaat Reservation) पहले मिला हुआ था। लेकिन 2015 में नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार ने ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर दिया गया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा कर की आरक्षण की मांग

बयाना की विधायक ने अपने संवाद में कहा कि जाट आरक्षण (Rajasthan Jaat Reservation) के मुद्दे को लेकर पहले भी वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख चुकी है। विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर मुखर होने की बात बयाना विधायक ऋतू बनावत ने कही। भरतपुर और धोलपुर में जाट समाज (Rajasthan Jaat Reservation) को आरक्षण मिलना चाहिए जिसको लेकर केंद्र के साथ साथ विधानसभा में राज्य सरकार को भी कहा जाएगा।

1998 में उठी थी पहली बार दोनों जिलों के आरक्षण की मांग

भरतपुर और धौलपुर के जिले में जाट समाज के आरक्षण की मांग नयी नहीं है। पहली बार इन दोनों जिलों के आरक्षण की मांग 1998 में उठी थी। केंद्र में कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार में इस आरक्षण को स्थान दिया गया था। जिसमें राजस्थान के धौलपुर और भरतपुर के जाट समाज (Rajasthan Jaat Reservation) के साथ साथ अन्य 9 राज्यों के ओबीसी को भी आरक्षण दिया था। परन्तु 2015 में मोदी सरकार ने केंद्र में आरक्षण को बंद कर दिया था।

वसुंधरा और गहलोत पहले कर चुके हैं इस आरक्षण की सिफारिश

इसके बाद राजस्थान में भाजपा सरकार में आन्दोलन के बाद वसुंधरा सरकार ने राज्य में ओबीसी आरक्षण (Rajasthan Jaat Reservation) को सहमती दे दी थी। परन्तु केंद्र सरकार ने इस बात को नहीं माना। पिछली कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने 2021 में भी केंद्र सरकार को पत्र लिख कर मांग की थी। उस पर सुनवाई नहीं होने के बाद अब वापिस आन्दोलन की आग को हवा लगने लगी है।

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