here understand full story of India Maldives Controversy after PM Modi Visit in Lakshadweep

India Maldives Controversy : आखिर क्या है लक्षदीप मालदीव मामला, यहां समझे पूरा विवाद…

अहमदाबाद (डिजिटल डेस्क) । India Maldives Controversy : पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर Boycott Maldivies ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग को ट्रेंड करवाने वाला देश भी कोई और नहीं बल्कि पिछले साल तक मालदीव के अच्छे दोस्तों में गिना जाने वाला देश भारत है। वैसे तो इन दोनों देशों के बीच के रिश्ते पिछले साल अक्टूबर में मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही थोड़े बहुत बिगड़ने लगे थे लेकिन हालिया मामले ने भारत की जनता में भी आक्रोश ला दिया है।

पीएम मोदी ने की थी तस्वीर साझा

बीती 2 और 3 जनवरी को पीएम मोदी लक्ष्यद्वीप दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए लिखा था कि आप लोगों को लक्षद्वीप जरूर घूमने जाना चाहिए।

मालदीव से शुरू हो गई तुलना

पीएम मोदी की पोस्ट के कुछ समय बाद ही सोशल मीडिया पर लोगों ने लक्षद्वीप (India Maldives Controversy) की तुलना मालदीव से करनी शुरू कर दी। जिसे देखते हुए मालदीव के मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने अपना ही तुर्रा जोड़ते हुए पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। शिउना ने लक्षद्वीप का भी मजाक उड़ाया। उनके इस ट्वीट के बाद मालदीव के नेता मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद भी भारत को घेरते हुए नजर आए थे। हालांकि जब भारत की जनता ने उनके इस ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए बॉयकॉट मालदीव का ट्रेंड चलाना शुरू किया तो मालदीव सरकार ने अपने इन तीन मंत्रियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेकर मामले को शांत करने की कोशिश की।

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बॉयकॉट करने से क्या होगा ?

इस पूरे मामले के बीच सवाल उठता है कि भारतीयों का मालदीव को बॉयकॉट करने से इस द्वीप के अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा, इस देश में हर साल भारत से कितने लोग पहुंचते है.. इस रिपोर्ट में जानते हैं। पहले समझिए कि मालदीव में हर साल कितने भारतीय टूरिस्ट आते हैं। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से साल 2023 के दिसंबर महीने तक इस द्वीप पर लगभग 2 लाख 09 हजार 198 भारतीय टूरिस्ट मालदीव पहुंचे थे। इससे पहले साल 2022 में 2.41 लाख, 2021 में 2.91 लाख और 2020 में कोरोना महामारी के बावजूद 63,000 भारतीयों ने मालदीव का टूर किया था।

सबसे ज्यादा भारतीय टूरिस्ट

मालदीव (India Maldives Controversy) के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 कि दिसंबर महीने तक इस द्वीप पर कुल 17 लाख 57 हजार 939 टूरिस्ट आए थे। इनमें से सबसे ज्यादा टूरिस्टों की संख्या भारतीयों की ही थी। भारतीयों के बाद सबसे ज्यादा रूस और चीन के लोग पहुंचे थे।

भारत के बायकॉट करने का क्या असर पड़ेगा

इस देश लिए पर्यटन उद्योग कितना ज्यादा जरूरी है इसका अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि साल 2021 में इस द्वीप को पर्यटन से लगभग 3.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रेवेन्यू मिला था। मालदीव की जीडीपी का लगभग 56 प्रतिशत टूरिज्म से ही आता है। ऐसे में अगर भारत मालदीव के बीच चल रहे इस विवाद के बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते हैं और भारतीय टूरिस्ट मालदीव को बायकॉट करते हैं को इस द्वीप को लगभग 2 लाख टूरिस्टों का नुकसान होगा।

टूरिज्म के अलावा भी इन मामलों में भारत पर निर्भर है मालदीव

साल 2021 की डेटा के अनुसार इस साल भारत मालदीव के तीसरे सबसे बड़े व्यापार भागीदार के रूप में उभरा था। यह द्वीप भारत से मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएं आयात करता है। इतना ही नहीं भारत मालदीव को अलग अलग तरह के इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, सीमेंट भी निर्यात करता है। इसमें कृषि उत्पाद जैसे चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री उत्पाद भी शामिल हैं।

पिछले साल से बिगड़ने लगे भारत-मालदीव के रिश्ते

भारत हमेशा से ही मालदीव (India Maldives Controversy) की मदद करता रहा है। साल 1988 में राजीव गांधी ने सेना भेजकर मौमून अब्दुल गयूम की सरकार को बचाया था। इतना ही नहीं जब साल 2018 में इस द्वीप पर पानी का संकट गहराया तो भारत ने मालदीव तक जल पहुंचाया था।

यही कारण था कि मोहम्मद नाशीद ने भी जरूरत पड़ने पर भारत से मदद की गुहार लगाई। अपनी विदेश नीति के कारण भले ही भारत ने उस वक्त वहां अपने सैनिकों को नहीं भेजी, लेकिन यामीन की आलोचना की और इमरजेंसी खत्म करने की मांग की।

हालांकि पिछले साल अक्टूबर महीने में इस देश में मुईज्जू की सरकार सत्ता में आई। चीन के समर्थक माने जाने वाले मुईज्जू ने सत्ता में आते ही सबसे पहले भारत के सैनिकों को अपने देश से हटाने के लिए कड़े बयान दिए थे। अब इन देशों के बीच के रिश्ते यहीं से बिगड़ने की शुरू। भारत के लिए चिंता की बात ये रही है कि मोहम्मद मुइज्जू चीन समर्थक नेता हैं।

चीन को मालदीव ने एक द्वीप भी लीज पर दिया हुआ है। भारत को लगता है कि अगर चीन की मौजूदगी यहां होती है, तो उसके लिए खतरे की बात है। ऊपर से अब यहां भारतीय सैनिकों की मौजूदगी भी खत्म हो जाएगी, जो कि दोहरी चिंता की बात होगी।

मालदीव के मंत्री के ट्वीट के विरोध में किसने क्या कहा

पीएम मोदी और लक्षद्वीप (India Maldives Controversy) पर किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में भारत के केंद्रीय मंत्री से लेकर बॉलीवुड स्टार्स और क्रिकेटर ने भी मोर्चा संभाला। बॉलीवुड एक्टर सलमान खान ने इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि लक्षद्वीप के सुंदर, स्वच्छ और हैरान करने वाले समुद्र तटों पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना बहुत अच्छा है और सबसे अच्छी बात यह है कि ये हमारे भारत में हैं।

अभिनेता अक्षय कुमार ने भी बायकॉट अभियान में शामिल होते हुए ट्वीट कर कहा, ‘मालदीव के प्रमुख नेताओं ने भारतीयों पर घृणित और नस्लवादी टिप्पणियां की। यह हैरान करने वाला है। मालदीव एक द्वीप है ऐसा जहां सबसे भारतीय लोग जाते हैं। हम अपने पड़ोसियों के प्रति अच्छे हैं, लेकिन हमें ऐसी बेवजह नफरत क्यों बर्दाश्त करनी चाहिए? मैंने कई बार मालदीव का दौरा किया है और हमेशा इसकी प्रशंसा की है, लेकिन मेरे लिए अपनी गरिमा पहले है। आइए हम भारतीय द्वीपों का एक्स्प्लोर करें और अपने खुद टूरिज्म को सपोर्ट करें।

इन बॉलीवुड एक्टर्स के अलावा मधुर भंडारकर, जॉन अब्राहम, रणदीप हुड्डा और अभिनेत्री कंगना रनौत भी सोशल मीडिया के माध्यम से लक्षद्वीप का प्रचार करने वाली कुछ भारतीय फिल्मी हस्तियों में शामिल रही।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘मेरे देश के सभी युवाओं, यात्रा को लेकर उत्साही लोगों और खोजकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि आप पहले अपने देश का पता लगाएं, अपनी भूमि की सुंदरता और हमारे पास मौजूद विविध संस्कृति और व्यंजनों को देखें।’

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