राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Lohri kab hai 2024: हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी (Lohri kab hai 2024) का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व उत्तर भारत का प्रमुख त्यौहार है। जिसे सिख समुदायों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन अग्नि जलाकर चारों तरफ परिक्रमा करके पूजा की जाती है। यह पर्व किसानों के लिए खास माना जाता है। लोहड़ी के दिन नई फसल को काटा जाता है और कटी हुई फसल को सबसे पहले लोहड़ी की आग में अर्पित किया जाता है। इसके बाद लोग अग्नि की परिक्रमा करते हुए खुशहाल जीवन और सुख समृद्धि की कामना करते है। आइए जानते है इस साल 13 या 14 जनवरी कब है लोहड़ी का पर्व और शुभ मुहूर्त :-
कब मनाई जाएगी लोहड़ी:-
लोहड़ी का त्यौहार (Lohri kab hai 2024) हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाने की परंपरा है। इस साल लोहड़ी 14 जनवरी, रविवार को मनाई जाएगी। लोहड़ी की रात को सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं जिसके बाद अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। वहीं लोहड़ी का त्यौहार सूर्य और अग्नि देव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष समय में लोहड़ी का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन कई शुभ योग बन रहे है और इन योगों में लोहड़ी मनाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
कैसे मनाते हैं लोहड़ी:-
लोहड़ी (Lohri kab hai 2024)के दिन लोग देवी देवताओं को धन्यवाद देने के लिए लकड़ियों की ढेरी बनाकर अग्नि जलाते है और उस पर सूखे उपले रखे जाते है। इसके बाद लोग इकट्ठा होकर अग्नि की पूजा करते है और चारों ओर परिक्रमा करते है। परिक्रता करते हुए अग्नि में तिल,मूंगफली गुड़ और रेवड़ी आदि चढ़ाते है और साथ ही पारम्परिक नृत्य करते है। घर की महिलाएं लोक गीत गाती हैं और सभी एक-दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन घरों में रोटी, सरसों साग, गुड़ और गजक बनाया जाता है। वहीं इस दिन दान करना भी काफी शुभ माना जाता है। जिन लोगों के घर में बेटे की शादी के बाद नई बहु आई होते हैं या जहां बच्चों को जन्म हुआ होता है उन लोगों के घर में लोहड़ी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है।
इस विधि से करें लोहड़ी पूजा:-
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और अग्निदेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। लोहड़ी की शाम को साफ सुथरी जगह पर श्रीकृष्ण की प्रतिमा रखे और फिर उनकी प्रतिमा पर फूल माना जाता चढ़ाए। इसके बाद उन्हें तिलक करे और भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाए। इसके बाद भोग लगाए। इसके बाद आप आग जलाएं और इसमें सूखा नारियल, मक्के के दाने और तिल डाल कर 7 बार परिक्रमा करे। माना जाता है कि ऐसा करने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
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