राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Yuva Diwas 2024: वेदों के ज्ञाता और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद (Yuva Diwas 2024) का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था और उनका जन्मदिन हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद को युवाओं का सबसे बड़ा प्रेरणास्त्रोत माना जाता है। आज भी उनके विचार लोगों के लिए प्रासंगिक है। आज हम आपको विवेकानंद से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे है जिनके बारे में काफी कम लोग जानते होगे। आइए जानते है विवेकानंद से जुड़ी कुछ रोचक बातें :—
1. स्वामी विवेकानंद का असल नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता (Yuva Diwas 2024) में हुआ था। उनके जन्मदिन को पूरी दुनिया में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विवेकानंद के पिता एक वकील थे और उन्होंने अपनी पढ़ाई कान्वेंट में की थी।
2. स्वामी विवेकानंद बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृति के इंसान थे। उन्होंने भगवान को समझने और सनातन धर्म को जानने के लिए महज 25 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था और काफी कम लोग जानते है कि संन्यास के बाद ही उनका नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा था। उन्होंने श्रीरामकृष्ण परमहंस को अपना गुरू माना था।
3. मात्र 25 साल की उम्र में ही स्वामी विवेकानंद ने पैदल ही भारतवर्ष की यात्रा तय की थी। अपने गुरू श्रीरामकृष्ण परमहंस से उनकी पहली मुलाकात कोलकाता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी। वह उनकी विचारधारा से इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि स्वामी जी ने श्रीरामकृष्ण परमहंस को अपना गुरू मान लिया।
4. स्वामी विवेकानंद (Yuva Diwas 2024) के विचारों से एक महिला इतनी ज्यादा प्रभावित हुई कि उन्होंने स्वामी जी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। इस पर विवेकानंद जी ने कहा कि वह एक संन्यासी है। तब महिला ने कहा कि फिर वह उन्हें ऐसा आशीर्वाद दे कि उन्हें उनके जैसा एक पुत्र हो। इसका उत्तर देते हुए विवेकानंद जी ने कहा कि मैं ही आपका पुत्र बन जाता हूं। इससे आपको भी एक पुत्र मिल जाएगा और मुझे एक मां मिल जाएगी।
5. स्वामी विवेकानंद अंग्रेजी व्यवस्था के खिलाफ थे। उनका मानना था कि अंग्रेजी की इस व्यवस्था से सिर्फ बाबुओं की संख्या बढ़ेगी। लेकिन शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक और आत्मिक विकास हो सके। तो समाज में ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता हैं ।
6. स्वामी विवेकानंद जी ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। उन्होंने अपने भाषण से पूरी दुनिया में संस्कृतिक और आध्यात्मक का विस्तार किया।
7. स्वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी और महज 39 साल की उम्र में 4 जुलाई 1902 को ध्यान करते हुए महासमाधि ले ली थी। इसके बाद गंगा के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया था। यह वहीं घाट था जिसके दूसरे छोर पर स्वामी विवेकानंद जी (Yuva Diwas 2024) ने 16 वर्ष पहले अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस का अंतिम संस्कार किया था।
यह भी पढ़े : Vinayak Chaturthi 2024:चतुर्थी के दिन इन खास उपायों से मिलेगा फायदा
OTT INDIA आपको खबरों से रखेगा अपडेट
OTT INDIA देश का नंबर 1 डिजिटल प्लेटफॉर्म है- जो देशवासियो को हर खबर में सबसे आगे रखता है। OTT इंडिया पर पढ़ें नेशनल, इंटरनेशनल, इलेक्शन, बिजनेस, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट समेत सभी खबरें। अब हर समाचार आपकी उंगलियों पर, हमारा नवीनतम Android और iOS ऐप डाउनलोड करें। ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ें।