Makar Sankranti 2024:मकर संक्रांति पर शिव की करें पूजा, पितृ दोषों से मिलेगी मुक्ति
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Makar Sankranti 2024: हिंदू धर्म में संक्रांति (Makar Sankranti 2024) की तिथि महत्वपूर्ण मानी गई है। सूर्य भगवान द्वारा मकर राशि में गोचर की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन सूर्य भगवान उत्तरायण होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। वहीं मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की परंपरा भी है। ज्योतिषियों के अनुसार इस साल मकर संक्रांति की तिथि पर कई शुभ योग बनने जा रहे है और इस दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत पर 2 बजकर 16 मिनट तक विराजमान रहेंगे। अगर आप भी इस दिन भगवान शिव की कृपा पाना चाहते है तो ये उपाय कर सकते है।
मकर संक्रांति पर शुभ योग
सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी (Makar Sankranti 2024) की रात्रि 2:42 बजे होने वाला है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और शतभिषा नक्षत्र होने की वजह से पुण्य काल सुबह ही प्रांरभ हो जाएगा। महा पुण्य काल 15 जनवरी को प्रात: 07:15 मिनट से 09:00 बजे तक रहेगा। इस समय में स्नान और दान करना काफी लाभदायक माना जाता है। वहीं इस दिन रवि योग और वरीयान योग बन रहा है। रवि योग का शुभ समय 7:15 से 8:07 बजे तक रहेगा वहीं वरीयान योग पूरे दिन रहेगा। साथ ही बव करण योग का 3:35 बजे तक रहेगा। इन योगों में पूजा और दान करने से स्वस्थ्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें शिव पूजा
मकर संक्रांति के दिन पितृ दोष (Makar Sankranti 2024) दूर करने के लिए भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर इस दिन भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा की जाए तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। भगवान शिव की पूजा करने के लिए मकर संक्रांति के दिन पानी में गंगाजल,गाय का दूध और शुद्ध घी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करे और इस मिश्रण से महादेव का जलाभिषेक करें। पूजा के दौरान भगवा शिव को सफेद फूल, बेलपत्र, भांग धतूरा और काला तिल अर्पित करें और उनके पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।ऐसा करने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते है और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी करते है। वहीं इस दिन सिर्फ गंगाजल में काला तिल मिलाकर जलाभिषेक करने से व्यक्ति को पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।
15 जनवरी 2024 पंचांग:-
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:27 मिनट से शुरू होकर 06:21 मिनट तक रहेगा।
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:16 मिनट से शुरू होकर 02:58 मिनट तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:43 मिनट से शुरू होकर 06:10 मिनट तक रहेगा।
निशिता मुहूर्त – रात 12:03 मिनट से शुरू होकर 12:57 मिनट तक रहेगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय:-
सूर्योदय सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 46 मिनट पर होगा।
चन्द्रोदय सुबह 10 बजकर 14 मिनट पर और चंद्रास्त देर रात 10 बजकर 08 मिनट पर होगा।
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