Atal Setu Full Information: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link) का उद्घाटन किया। ये समुद्र पर बना देश का सबसे लंबा पुल है। अब इस पुल के जरिए दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे। पहले इसमें करीब दो घंटे का समय लगता था. मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link) को ‘अटल सेतु’ (Atal Setu Bridge) के नाम से भी जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इसकी नींव रखी थी. इसे साढ़े चार साल में पूरा होना था, लेकिन कोविड महामारी के कारण समय लग गया। ये पुल मुंबई और पुणे के बीच लगने वाले समय को भी कम कर देगा। इसके अलावा यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। नवी मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बनाया जा रहा है।
अब जब यह पुल बनकर तैयार हो गया है और इस पर यातायात शुरू हो गया है तो इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. उदाहरण के लिए, पुल पर कौन से वाहन चल सकेंगे ? इससे क्या फायदा होगा ? कितना होगा टोल ? जानिए ऐसे सभी सवालों के जवाब…
1. कहां से कितनी दूरी तक होगा पुल ?
ये पुल दक्षिण मुंबई के सेवरी से शुरू होगा और नवी मुंबई के न्हावा शेवा तक जाएगा। इससे दक्षिण मुंबई और नवी मुंबई पहुंचने में लगने वाला समय एक चौथाई कम हो जाएगा। पहले दो घंटे लगते थे, लेकिन अब 20 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
2. ये पुल और किसे जोड़ेगा ?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के मुताबिक, ये पुल मुंबई को मुंबई-गोवा राजमार्ग, वसई और विरार, नवी मुंबई और रायगढ़ जिलों से जोड़ेगा। इसके साथ ही नवी मुंबई में कई नए प्रोजेक्ट और बड़ी कंपनियों के आने की भी उम्मीद है.
3. यह पुल कितना लम्बा है ?
अटल सेतु (Atal Setu) छह लेन में बना है। यह पूरा पुल 21.8 किमी लंबा है। इसका 16.5 किमी हिस्सा समुद्र पर और करीब 5.5 किमी हिस्सा जमीन पर बना है। यह पुल समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
4. पुल को बनाने में कितनी लागत आई ?
इस पुल पर 17,840 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. अटल सेतु (Atal Setu Bridge) को बनाने में 1,77,903 मीट्रिक टन स्टील और 5,04,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है। दावा है कि यह पुल 100 साल तक ऐसा ही रहेगा।
5. क्यों खास है ये पुल?
कई बातें इस पुल को खास बनाती हैं. यह न केवल देश का सबसे लंबा पुल है, बल्कि समुद्र के ऊपर भारत का सबसे लंबा पुल भी है। पुल में स्वचालित टोल संग्रह और एक बुद्धिमान परिवहन प्रणाली भी है। इसके अलावा, इस पुल के निर्माण में लंबे ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक का उपयोग किया गया है। जिससे पुल बनाने के लिए अधिक पिलर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसका फायदा यह है कि इससे समुद्री मार्ग में कोई रुकावट नहीं आती। इसका प्रयोग पहली बार भारत में किया गया है.
6. कौन सी गाड़ियाँ चल सकती हैं ?
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनी बसें, टू-एक्सल बसें, छोटे ट्रक चल सकेंगे।
7. किन वाहनों को अनुमति नहीं होगी ?
मोटर साइकिल, मोपेड, तिपहिया टेम्पो, ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर, धीमी गति से चलने वाले वाहनों को अनुमति नहीं होगी।
8. कितना होगा टोल ?
दावा है कि इस पुल पर यात्रा करने से एक यात्रा में ईंधन में 500 रुपये की बचत होगी। हालांकि पुल पर यात्रा करने पर टोल टैक्स भी वसूला जाएगा. यात्री कारों पर एकमुश्त 250 रुपये का टोल वसूला जाएगा। वहीं, अगर आप वापस लौटेंगे तो भी आपको कुल 375 रुपये टोल चुकाना होगा।
9. क्या दैनिक या मासिक पास होगा ?
दैनिक यात्रियों के लिए दैनिक और मासिक पास भी उपलब्ध हैं। कार से यात्रा करने वालों के लिए दैनिक पास 625 रुपये और मासिक पास 12,500 रुपये में दिया जाएगा।
10. गति सीमा क्या होगी ?
मुंबई पुलिस ने इस पुल पर 100 किमी प्रति घंटा की गति सीमा तय की है। हालांकि पुल पर ऊपर-नीचे जाते वक्त स्पीड 40 किमी प्रति घंटा होगी.
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