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Tucson Aircraft Graveyard: इसे कहते है ‘विमानों का कब्रिस्तान’, जानें वजह

Tucson Aircraft Graveyard

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Tucson Aircraft Graveyard: आज तक आपने छोटे-बड़े कब्रिस्तानों (Tucson Aircraft Graveyard) के बारे में सुना होगा जहां पर लाखों लोग दफ्न हैं। लेकिन क्या आप जानते है हमारी दुनिया में एक ऐसा कब्रिस्तान भी है जहां पर इंसानों को नहीं बल्कि विमानों को दफ्न किया जाता है। जी हां, हम बात कर रहे है दुनिया में विमानों के सबसे बड़े क​ब्रिस्तान की जिसे ‘विमानों का कब्रिस्तान’ कहा जाता है। यह जगह अमेरिका में स्थि​त है जहां पर 4 हजार से अधिक खराब और बेकार सैन्य विमान रखे हुए है। आइए जानते है इस ​कब्रिस्तान से जुड़ी कुछ बातों के बारे में :-

‘बोनयार्ड’ के नाम से है मशहूर:-

विमानों का सबसे बड़ा कब्रिस्तान एरिजोना के टक्सन रेगिस्तान में स्थित है। इसे डेविस मोंथान एयरफोर्स बेस में सबसे बड़ा बोनयार्ड कहा जाता है। यह कब्रिस्तान करीबन 2600 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका आकार लगभग 1400 फुटबॉल के मैदानों के बराबर माना जाता है। बता दें कि जब कोई विमान बेकार या फिर खराब हो जाता है तो उसे खड़ा करने के लिए एक अलग जगह बनाई जाती है। जिस जगह पर सारे खराब और अनोपयोगी विमान खड़े किए जाते है उस जगह को बोनयार्ड या फिर विमानों का कब्रिस्तान ​कहा जाता है। वहीं डेविस मोंथान एयरफोर्स बेस में दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान बना हुआ है जहां कई साल पुराने और खराब विमान खड़े हुए है।

Tucson Aircraft Graveyard
द्वितीय विश्व युद्ध में किए गए इस्तेमाल:-

इस बोनायार्ड की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी। वहीं यहां रखे गए विमानों का इस्तेमाल अमेरिकी सैनिक द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में भी किया गया था। इस जगह पर नए से लेकर युद्ध के दौरान इस्तेमाल हुए तकरीबन सभी विमान रखे हुए है। दरअसल यहां पर 4 हजार से भी ज्यादा विमान है। बता दें कि जिन विमानों में सुधार की संभावना होती है उसे ठीक करके फिर से उपयोग में लिया जाता है और जो विमान में सुधार की संभावना नहीं होती उन विमानों के कल-पुर्जे को निकाल कर दूसरें विमानों में काम में लिया जाता है। जबकि विमानों की बाहरी बॉडी ऐसी ही खड़ी रहती हैं। इस ​कब्रिस्तान की देखभाल अमेरिका की 309वां एयरोस्पेस मेंटेनेंस एंड रीजनरेशन ग्रुप द्वारा की जाती है।

बन गया था टूरिस्ट स्पॉट:-

जानकरी के अनुसार इस जगह पर पहले लोग घूमने आया करते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां पर लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। इस कब्रिस्तान में करीबन 500 से अधिक कर्मचारी दिन रात काम किया करते है। बता दें कि इस जगह पर 80 तरह के विमान और हेलिकॉप्टर मौजूद है जिसमें से ज्यादातर सैन्य,वायु सेना, नौसेना, सेना और मरीन से रिटॉयर होने के बाद बोनायार्ड में आते हैं। इस कब्रिस्तान में कुछ विमान ऐसे भी है जिसे नासा द्वारा इस्तेमाल किया गया है।

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