Republic Day 2024

Republic Day 2024: 26 नवंबर को तैयार होने के बाद भी 26 जनवरी को क्यों लागू किया गया संविधान? जाने वजह

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Republic Day 2024: हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024)का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे देशभर में मनाया जाता है। 26 जनवरी हमारे इतिहास की वो तारीख है जिस दिन पूरे भारत में हमारा संविधान लागू हुआ था। वो संविधान जिसकी शपथ लेकर हमारे देश के कोर्ट अपनी फैसला सुनाती है। आज से 75 साल पूर्व 26 जनवरी 1950 का दिन भारत के संविधान को लागू करने के लिए चुना गया था। तब से लेकर आज तक हर साल 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस या यूं कहें संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Republic Day 2024

हमारे संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिनों का समय लगा था और यह बनकर 26 नवंबर 1949 को ही तैयार हो गया था। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 26 नवंबर को तैयार होने के बावजूद 26 जनवरी 1950 के दिन ही हमारा संविधान क्यों लागू किया गया। इसे किसी ओर दिन क्यों नहीं लागू किया गया । तो आज हम आपको इससे जुड़े ही सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। तो आइए जानते है संविधान से जुड़ा रोचक तथ्यः-

26 जनवरी को संविधान लागू करने की खास वजह

26 जनवरी 1950 (Republic Day 2024) के दिन ही संविधान लागू करने की एक खास वजह है। काफी कम लोग जानते है हमारे देश में पहली बार स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी 1930 को मनाया गया। दरअसल 31 दिसंबर 1929 को जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इस प्रस्ताव में यह मांग की गई कि अगर ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश का दर्जा नहीं दिया तो उसके बाद भारत को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा।

Republic Day 2024

इसके बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी, 1930 को मनाया गया और इस दिन तिरंगा भी फहराया गया था। तभी से 26 जनवरी की तारीख काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके बाद जब 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ तो आधिकारिक रूप से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने लगा। लेकिन 26 जनवरी की तारीख को विशेष और यादगार बनाने के लिए संविधान तैयार होने के बाद भी दो महीने का इंतजार किया गया और इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।

Republic Day 2024

राष्ट्रपति पद और घोषणा

यह बात काफी कम लोग जानते है कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) पर संविधान लागू होने से पहले राष्ट्रपति पद नहीं था। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने पहली बार 26 जनवरी 1950 को ही राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और इसके बाद से ही राष्ट्रपति पद को पहचान मिली। डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा झंडा फहराया था। तब से हर साल राष्ट्रपति द्वारा ही गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

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