Rajasthan Govt Action

Rajasthan Govt Action: राजस्थान में अफसर खाएंगे मूंगफली – चने, खाना खाने की छुट्टी भी होगी बंद!

राजस्थान (डिजिटल डेस्क). Rajasthan Govt Action: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही लगातार कई बदलाव (Rajasthan Govt Action) किए जा रहे हैं, इस बार बदलाव का चाबुक अफसरों पर चलता दिखाई दे रहा है। सरकारी मीटिंग में नास्ते पर होने वाले खर्चे पर लगाम लगाने को लेकर एक आदेश पारित हुआ है, जिसके तहत अब महंगे नाश्ते करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।

पहले और अब में क्या होगा अंतर

जब भी सरकारी मीटिंग्स में मंत्री और अफसर आते थे तब उनकी व्यवस्था (Rajasthan Govt Action) को लेकर  कई तरह के इंतजाम किये जाते थे। जिसमें विशेष नाश्ते का प्रबंध भी शामिल था। अब नाश्ते का खर्च कम करने के लिए सिर्फ भुने हुए चने और मूंगफली का इंतजाम या ज्यादा से ज्यादा बिस्कुट रखे जाएँगे। पहले समोसे – कचोरी और बर्गर जैसी चीजें भी अफसरों की टेबल पर देखने को मिलती थी।

अब पानी की भी बोतल होगी टेबल से गायब

अफसरों को कार्मिक विभाग ने आदेश (Rajasthan Govt Action) जारी कर कहा है कि अब सभी तरह की सरकारी मीटिंग्स में मिनिरल वाटर की बोतल नहीं आएगी। पानी या तो कांच के गिलास में परोसा जाए या कांच की बोतल में। जिससे वहां भी अपव्यय पर लगाम लगाई जा सके इसके साथ ही पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। इसी को लेकर पहले मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने खुद को इसमें शामिल किया और विशेष विमान से यात्रा को बंद किया।

नाश्ता बदलने से खर्च में कितना फर्क पड़ेगा?

नाश्ता बदल देने भर से कोई सोचे कि आदेश (Rajasthan Govt Action) में कितना ही फर्क पड़ेगा तो ये जान लेना जरुरी है कि विभागीय मीटिंग्स में सिर्फ सचिवालय में हर साल 200 से ज्यादा सामान्य मीटिंग्स होती है। इन मीटिंग्स में कई लोग शामिल होते हैं। उनके नाश्ते पर आने वाला खर्च हजारों में चला जाता है। अब पूरे साल का खर्च देखा जाए तो लाखों का खर्च होता है। अगर पूरे राज्य में सरकारी विभागों का हिसाब लगाया जाए तो यही खर्च करोड़ों में चला जाएगा। इसी को रोकने के लिए ऐसा नियम लाया गया है।

अब अफसर घर जाकर नहीं करेंगे लंच

पहले की सरकारों में एक अफसर और मंत्री के नाश्ते का बिल (Rajasthan Govt Action) ही लाखों में आ गया था। नाश्ते के अलावा कर्मचारियों और अफसरों के लंच घर जाकर करने पर भी रोक लगाई जाएगी। विभागीय कार्यप्रणाली पर कम से कम 2 – 3 घंटे का असर पड़ता है और घर आने जाने के लिए वहां उपयोग में आते हैं उनके खर्च भी इससे कम होंगे। अब से कर्मचारियों और अफसरों को विभाग में ही लंच करने का आदेश जल्दी ही मिलने वाला है।

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