Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी के बेसमेंट (Gyanvapi Mosque Case) में पूजा से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। इसको लेकर आए फैसले से हिन्दू पक्ष खुश है। हिन्दू पक्ष के वकील ने कोर्ट में हुई पूरी सुनवाई की बात कही। अब जिला अधिकारी को इसकी ज़िम्मेदारी दे दी गयी है। इसको लेकर नियम भी बनाए जाएंगे। परंतु अभी पूर्ण फैसले में हिन्दू पक्ष की मुख्य अड़चन हटती दिखाई दे रही है।
हिंदुओं को मिला पूजा का अधिकार
ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Mosque Case) में बड़ा फैसला आया है। हिन्दू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया है। मंगलवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी। वहीं आज कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अहम फैसला सुनाया है। जिसके मुताबिक अब हिंदू पक्ष को व्यास भोयरा यानि व्यास तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है।
दलील के बाद मिला अधिकार, अब नंदी को करना है स्वतंत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वादी शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास के वकील विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने उनके द्वारा दिये गये आवेदन (Gyanvapi Mosque Case) का एक हिस्सा स्वीकार कर लिया है। इसके तहत व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है। हमारा दूसरा अनुरोध है कि नंदीजी के सामने लगी बैरिकेडिंग को खोल दिया जाए।
#WATCH | Gyanvapi case | UP: Advocate of the Hindu side, Sudhir Tripathi says, "…Today the court has ordered that arrangements should be made and puja here (Vyas ji Ka Tekhana) should be allowed. The puja can start on any day in the next 7 days…" pic.twitter.com/bcTIAiDgRi
— ANI (@ANI) January 31, 2024
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट का अहम फैसला
कोर्ट के आदेश के (Gyanvapi Mosque Case) मुताबिक व्यास के बेसमेंट में 1993 से पहले की तरह लोगों को पूजा के लिए आने-जाने की इजाजत दी जाए। हालांकि, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से वकील मुमताज अहमद और इखलाक अहमद ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद (ज्ञानवापी केस) का हिस्सा है। वहां पूजा की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह दावा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के नियम के अंडर है इसलिए वर्जित है।
पहले वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया, फिर मिली इज़ाजत
उन्होंने आगे तर्क दिया कि तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसलिए वहां पूजा की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट (Gyanvapi Mosque Case) ने आदेश के लिए बुधवार की तारीख तय की। आज कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने का अधिकार दे दिया है। अब हिन्दू पक्षों के बीच खासा खुशी देखने को मिल रही है। अभी धीरे धीरे दूसरे पक्षों की भी प्रतिक्रियाएँ आने लगी हैं।
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