राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Shattila Ekadashi 2024: 06 फरवरी को माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Shattila Ekadashi 2024) को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष को रखा जाता है। माघ माह में आने वाले इस एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी का खास महत्व बताया गया है। यह साल का वह खास दिन जिसमें तिल का खास उपयोग किया जाता है। इस एकादशी को 6 तिल वाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विष्णु भगवान की 6 प्रकार से तिल का प्रयोग कर पूजा करने की परंपरा है। आइए जानते है षटतिला एकादशी पर तिल से कौन से 6 कामों में प्रयोग किया जाता है।
षटतिला एकादशी पर इन 6 तरीकों से करें तिल का प्रयोग (Shattila Ekadashi Use Til in 6 ways) :-
तिल का उबटन
षटतिला एकादशी पर तिल का उबटन लगाना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन आप तिल को कूटकर इसका उबटन बनाकर पूरे शरीर पर लगाए। इससे व्यक्ति के त्वचा संबंधी परेशानियां दूर होती है और सुंदर निखार भी आता है।
तिल का दान
किसी भी वस्तु या चीज का दान करना हमेशा से ही पुण्य का काम माना गया है। लेकिन हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करने को विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन तिल का दान को सोने के दान के समान माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति तिल का दान करता है उसे मरणोपंरात स्वर्ग की प्राप्ति होती है साथ ही शनि दोष भी शांत होता है।
तिल से स्नान
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार नहाने के पानी में सफेद तिल मिलाकर स्नान करने से गरीबी दूर हो जाती है और साथ ही घर में सुख समृद्धि का वास होता है। इस दिन विशेष रूप से पंचामृत बनाकर उसमे तिल डाले और फिर भगवान विष्णु का अभिषेक करे। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते है।
तिल से हवन
षटतिला एकादशी के दिन घर पर हर शुद्ध घी में सफेद तिल मिलाकर हवन करना चाहिए। हवन करते समय श्री सूक्त का पाठ अवश्य करे। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और साधक पर अपना आशीर्वाद बना कर रखती है। वहीं आप चाहे तो हवन के लिए काले तिल का प्रयोग भी कर सकते है। माना जाता है कि हवन मे काले तिल का प्रयोग करने से आर्थिक लाभ होता है।
तिल का भोजन
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजा के दौरान तिन से बने प्रसाद का भोग लगाए। भोग के प्रसाद में तिल का प्रयोग काफी शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति की आर्थिक समस्या दूर होती है। इसके अतिरिक्त आप तिल से बने मिठाई का भी प्रयोग कर सकते है। इसके सेवन से शरीर ऊर्जावान रहता है।
तिल मिला जल पीएं
तिल को सभी रीगों का नाशक माना गया है। तिल से जुड़ी मान्यता है कि सिर्फ षटतिला एकादशी के दिन ही नहीं बल्कि पूरे माघ मास के दौरान पीने के पानी में तिल मिलाकर पीने से बुद्धि का विकास होता है और साथ ही व्याक्ति की पाचन शक्ति बेहतर होती है।
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