Gurjar Reservation Cases

Gurjar Reservation Cases: गुर्जर आंदोलन के मुकदमे फिर से खुले, भजन लाल सरकार पर लग रहे आरोप

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Gurjar Reservation Cases: राजस्थान में भजन लाल सरकार पर गुर्जर आंदोलन (Gurjar Reservation Cases) से संबन्धित मुकदमे फिर से खोलने पर विवाद छिड़ गया है। गुर्जर नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार गुर्जर जाति को दबाने का प्रयास कर रही है। इसके पीछे सरकार में बैठे कई लोग शामिल है।

क्या है गुर्जर आंदोलन का पूरा मामला?

विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही भजन लाल सरकार विवादों का शिकार हो रही है। अब गुर्जर आंदोलन (Gurjar Reservation Cases) में हुए विवादों में शामिल लोगों पर हुए मुकदमों को भजन लाल सरकार फिर से खोल रही है। आरक्षण की लंबी लड़ाई के समय रेलवे पटरियाँ उखाड़ी गयी। इसमें काफी नुकसान हुआ, उस समय हुए उत्पात में शामिल लोगों पर मुकदमों में कुल 807 मुकदमों को वापिस लेने की बात हुई थी। जबकि सरकार ने 295 मुकदमे वापिस भी ले लिए थे और 283 मुकदमों पर एफ आर लगा दी गयी थी। ये सारे मुकदमे 2006 से 2016 के दरमियान हुए थे।

गुर्जर नेता कर्नल बैंसला के निधन के बाद बदली राजनीति

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा कि गुर्जर आंदोलन (Gurjar Reservation Cases) के मुख्य चेहरे और गुर्जर समाज के प्रमुख नेता कर्नल बैंसला के गुज़र जाने के बाद सरकार गुर्जर समाज को कुचलने की मंशा को अपने मन से निकाल दे। गुर्जर आंदोलन में जिन साथियों पर मुकदमे हुए हैं उनके सहयोग के लिए पूरा समाज सामने आ जाएगा। समाज के साथ अन्याय होगा तो हर घर से कर्नल बैंसला निकलेंगे। समाज को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। गुर्जर आंदोलन के समय संघर्ष करने वाले सभी लोगों के लिए पूरे समाज हमेशा तैयार खड़ा है। सरकार अपनी नीति को बदले और समाज के कल्याण के लिए आगे आए। गुर्जर आंदोलन के मुकदमों के लिए सरकार से जो समझौते हुए थे उन पर अमल किया जाए।

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