Uttarakhand विधानसभा में आज पारित हो सकता समान नागरिक संहिता बिल, जानें इसके प्रावधान
Uttarakhand News: उत्तराखण्ड विधानसभा में मंगलवार को समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश कर दिया गया है। विधेयक उत्तराखण्ड (Uttarakhand) विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेश किया है। सीएम धामी द्वारा विधेयक पेश करते समय सत्तापक्ष के विधायकों ने “भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम” के नारे भी लगाए।
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के सवाल
यूसीसी को उत्तराखण्ड (Uttarakhand) प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को स्वीकार करते हुए विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी। तो दूसरी ओर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है, बिल की कॉपी आधी अधूरी मिली है, अब दो बजे बिल पर चर्चा होनी है, ऐसे में इतनी देर में क्या चर्चा करेंगे और क्या पढ़ेंगे।
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यूसीसी पर पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान
इस पर उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अगर सरकार समान नागरिक संहिता के नाम पर शासक वर्ग के लिए दूसरे समुदाय की परंपराओं में हस्तक्षेप करने के लिए कानून लाती है, तो क्या वैमनस्य नहीं होगा ? बता दे चार खंडों में 740 पृष्ठों के मसौदे को सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल
उत्तराखण्ड (Uttarakhand) यूसीसी के तहत सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी। पुरुष-महिला को तलाक देने का समान अधिकार मिलेगा। लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना होगा। लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा होगी। लिव इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा है। महिला के दोबारा विवाह करने में कोई शर्त नहीं होगी। इसके दायरे से अनुसूचित जनजाति को बाहर रखा गया हैं।
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उत्तराखण्ड में शादी रजिस्ट्रेशन जरूरी
बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकती है। उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में शादी रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। बिना रजिस्ट्रेशन सरकारी सुविधा नहीं मिल सकेंगी। उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक मिलेगा। सभी धर्म के लिए शादी और तलाक का समान कानून होगा। बिना तलाक दूसरी शादी नहीं कर पाएंगे। धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सभी धार्मिक रीति-रिवाज का सम्मान किया जाएंगा।
यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य
समान नागरिक संहिता कानून बनने के बाद उत्तराखण्ड (Uttarakhand) आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से यूसीसी कानून लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे। वह चाहे किसी भी धर्म को मानने वाले हो।
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