Om shaped Shiv Temple in Pali: राजस्थान में बना विश्व का पहला ॐ आकृति का मंदिर, 1008 शिव प्रतिमाएं सहित ये होगी विशेषताएं
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Om shaped Shiv Temple in Pali: इस सृष्टि के रचियता त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश (Om shaped Shiv Temple in Pali) को सनातन धर्म में ओम यानी ‘ॐ’ का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में दुनिया का पहला (World First Om Shiv Temple) ओम आकृति का शिव मंदिर बनाया गया है। करीब 250 एकड़ में फैले इस मंदिर में भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं और 108 कमरे बनाए गए है। इस मंदिर को बनाने में करीबन 28 सालों का समय लगा है।
वहीं इस मंदिर की विशेषताओं की बात करें तो इस मंदिर के परिसर में ही यज्ञवेदी रूप में गुरूकुल,तारा के आकार का अस्पताल और स्वास्तिक के आकार में हॉस्टल भी बनाया गया है जो मंदिर के अंदर ही मौजूद है। इस मंदिर को बनाने का सपना 40 वर्ष पहले पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने देखा था। ऐसे में आइए जानते है कब होगी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और क्या है इस मंदिरक की खासियत
10 से 18 फरवरी तक होगी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा:-
इस शिव मंदिर (Om shaped Shiv Temple in Pali) का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 10 फरवरी से लेकर 18 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। 9 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में देश विदेश से सैकड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है। मंदिर में लोगों के खाने पीने से लेकर ठहरने की सभी की व्यवस्था अलग अलग की गई है। विदेशों से आ रहे मेहमानों के लिए 100 से ज्यादा स्वीट होम बनाए गए है। वहीं आश्रम के अंदर ही तीन हेलीपैड भी तैयार करवाए गए है। बता दें कि यह शिव मंदिर ओम आकार का विश्व का एकमात्र भव्य मंदिर है। जो करीबन 250 एकड़ में फैला हुआ है।
मंदिर को बनाने में लग गए 28 साल:-
लोगों को संस्कृति और योग से जोड़ने के लिए तीर्थ प्रेणता श्री अलखपूरी सिद्धपिठ परंपरा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने इस मंदिर को ऐसा मूर्त रूप दिया है। उन्होंने इस मंदिर को बनाने का सपना आज से 40 वर्ष पहले देखा था। इस मंदिर के निर्माण में 28 सालों का समय लगा है। 28 सालों तक काम करने के बाद अब मंदिर का काम पूरा हुआ है और मंदिर ने पूरा ओम का आकार ले लिया है।
इस मंदिर का शिलान्यास 23 जनवरी 1995 में किया गया था। मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा बनाया गया है। इस भव्य ॐ मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम तक 185 मीटर है और उतर से दक्षिण तक 252 मीटर है। इसके सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग है जिस पर ब्रह्मांड की आकृति बनाई गई है। वहीं इस मंदिर की सबसे खास बात इसे बनाने के लिए 4 साल गहन अध्ययन और रिसर्च किया गया।
108 कमरों सहित 1008 शिव की प्रतिमाएं, जानें मंदिर की विशेषता:-
इस मंदिर की विशेषताओं के बारे में बता करें तो ओम आकार के भव्य मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान शिव का मंदिर है और इसमें भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं लगाई गई है। 250 एकड़ में 4 मंजिल इमारत सहित 108 कमरों का निर्माण किया गया है। इन कमरों को इस प्रकार से आकार दिया गया है कि जो ओम की आकृति में नजर आ सके। इस मंदिर के निर्माण में धौलपुर का बंशी पहाड़ के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया गया है।
इस ओम मंदिर में प्राचीन शास्त्रोक्त हस्तकला से परिपूर्ण दक्षिण भारतीय नागर शैली और स्थापत्य वास्तुकला की उत्कृष्ट कलाकृति बनाई गई है। इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की तरफ से करवाया गया है। मंदिर में कृत्रिम पहाड़ और तालाब भी बनाए गए है। शिव मंदिर के साथ ही यहां सात ऋषियों की समाधि भी मौजूद है और इस चार मंजिला इमारत में स्कूल कॉलेज बनाए गए है।
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