JNANPITH AWARD 2023

JNANPITH AWARD 2023: गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मिला बड़ा सम्मान, मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। JNANPITH AWARD 2023: प्रसिद्ध गीतकार गुलज़ार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार (JNANPITH AWARD 2023) के लिए नामांकित किया गया है। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को घोषणा की कि इन दोनों को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दरअसल, गुलज़ार पहले से ही हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उन्हें इस युग के सर्वश्रेष्ठ उर्दू कवियों में भी माना जाता है। इससे पहले उन्हें 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।

उन्होंने अपनी खास रचना से फिल्मों में अपनी पहचान बनाई

गुलज़ार साहब (JNANPITH AWARD 2023) का असली नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को अविभाजित भारत के झेलम जिले के देना गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माखन सिंह था जो एक छोटे व्यापारी थे। अपनी माँ की मृत्यु के बाद वह अधिकतर समय अपने पिता के साथ ही रहते थे। हालाँकि, उन्हें पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी और वे 12वीं की परीक्षा में फेल भी हो गए। लेकिन साहित्य में उनकी रुचि बनी रही। रवीन्द्रनाथ टैगोर और शरतचंद उनके पसंदीदा लेखक थे।

22 भाषाओं का ज्ञान, 100 से अधिक पुस्तकें

चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य (JNANPITH AWARD 2023) एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, ”यह पुरस्कार (2023 के लिए) दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संस्कृत लेखक जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू लेखक गुलज़ार को चुना गया है। जन्म के 2 महीने बाद ही अपनी आंखों की रोशनी खो देने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य एक उत्कृष्ट शिक्षक होने के साथ-साथ संस्कृत भाषा के विद्वान भी हैं। कई भाषाओं के ज्ञाता जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य को साल 2015 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

ज्ञानपीठ पुरस्कार क्या है?

ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य के लिए ज्ञानपीठ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार (JNANPITH AWARD 2023) है। यह पुरस्कार 1961 में स्थापित किया गया था और पहली बार 1965 में मलयालम कवि जी द्वारा प्रदान किया गया था। शंकर कुरुप को ओडकुज़ल के लिए उनका काम दिया गया था।

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