राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। DHANANJAY SINGH: नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण कर उससे फिरौती मांगने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह (DHANANJAY SINGH) को दोषी पाया गया है। उन्हें 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। जौनपुर एमपी-विधायक कोर्ट ने धनंजय सिंह पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पिछले मंगलवार को कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम को दोषी करार दिया था। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में धनंजय सिंह के समर्थक जमा हो गए।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर कोर्ट ने दिया झटका
सुनवाई पूरी होने के करीब चालीस मिनट बाद एमपी-विधायक अदालत ने धनंजय सिंह (DHANANJAY SINGH) को सजा सुनाई। इस सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने आजीवन कारावास की मांग की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मई 2020 को अभिनव सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम सिंह के खिलाफ अपहरण, रंगदारी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी।
साथियों! तैयार रहिए…
लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर#Election2024 pic.twitter.com/0UXtsAEzCZ— Dhananjay Singh (@MDhananjaySingh) March 2, 2024
धनंजय सिंह को कोर्ट का फैसला स्वीकार
शिकायत में कहा गया था कि संतोष विक्रम ने अपने (DHANANJAY SINGH) दो साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता का अपहरण कर लिया। तभी धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर आये और शिकायतकर्ता को घटिया सामग्री के बारे में अपमानित कर धमकाया। इसके अलावा फिरौती के लिए भी दबाव बनाया गया था। हालांकि, जेल जाते वक्त धनंजय सिंह ने कुछ देर मीडिया से बात की और कहा, ‘देखिए, अब हम न्यायपालिका पर सवाल नहीं उठा सकते, लेकिन जो फैसला आएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।’
चुनाव से पहले सज़ा का आया फैसला
जिन धाराओं के तहत जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह (DHANANJAY SINGH) को दोषी ठहराया गया है, उनमें न्यूनतम दो साल की जेल की सजा का प्रावधान है। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले धनंजय सिंह को बड़ा झटका लगा है। अगर इन्हीं धारों के तहत फैसले में उच्च न्यायालय में परिवर्तन भी आता है तो न्यूनतम 2 साल की सज़ा तय है। ऐसे में चुनाव लड़ना कम ही संभव नज़र आ रहा है।
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