EC: देश के चुनाव आयुक्त (EC) अरुण गोयल के इस्तीफे पर कांग्रेस ने चिंता जाताई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा स्वतंत्र संस्थानों का व्यवस्थित विनाश नहीं रोका गया तो तानाशाही द्वारा लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा, भारत में एक चुनाव आयुक्त है, वह भी तब जब कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। अगर स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते तो हमारे लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो जाएगा।
यह भी पढ़े: चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने दिया इस्तीफा, देश की राजनीति में बढ़ी हलचल…
ईसी में केवल एक सदस्य ही बचा
चुनाव आयुक्त (EC) अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। वह अगले साल फरवरी में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त बन जाते। वहीं कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को स्वीकार कर लिया है। वह पंजाब कैडर 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय ईसी में केवल एक सदस्य ही बचा है।
Election Commission or Election OMISSION?
India now has only ONE Election Commissioner, even as Lok Sabha elections are to be announced in few days. Why?
As I have said earlier, if we do NOT stop the systematic decimation of our independent institutions, our DEMOCRACY shall…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 9, 2024
मल्लिकार्जुन खरगे का एक्स
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा चुनाव आयोग या चुनाव चूक? भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। क्यों? जैसा कि मैंने पहले कहा है, यदि हम अपने स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते हैं, तो तानाशाही द्वारा हमारे लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा! ईसीआई अब गिरने वाली अंतिम संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी। चूँकि चुनाव आयुक्तों के चयन की नई प्रक्रिया ने अब प्रभावी रूप से सारी शक्तियाँ सत्ताधारी दल और प्रधान मंत्री को दे दी हैं, तो 23 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है? मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और उचित स्पष्टीकरण देना चाहिए।
It is deeply concerning for the health of the world’s largest democracy that Election Commissioner Mr. Arun Goel has resigned on the cusp of the Lok Sabha elections.
There is absolutely no transparency in how a constitutional institution like the ECI has been functioning and the…
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) March 9, 2024
केसी वेणुगोपाल का एक्स
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने एक्स पर लिखा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए यह बेहद चिंताजनक है कि चुनाव आयुक्त श्री अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है। ईसीआई जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है और सरकार उन पर किस तरह दबाव डालती है, इसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है। 2019 के चुनावों के दौरान, श्री अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए पीएम को क्लीन चिट देने के खिलाफ असहमति जताई थी। बाद में, उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है। इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए, और ईसीआई को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए।