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AMRELI SEAT Loksabha2024: बीजेपी उम्मीदवार में बदलाव की संभावना, नया नाम आया सामना…

AMRELI SEAT Loksabha2024

AMRELI SEAT Loksabha2024: लोकसभा चुनाव को लेकर अहम खबर आ रही है। राज्य की अहम मानी जाने वाली अमरेली लोकसभा (AMRELI SEAT Loksabha2024) सीट पर इस बार बीजेपी उम्मीदवार के बदलने की संभावना है। चर्चा है कि इस सीट पर मौजूदा सांसद नारायण काछड़िया का टिकट कट सकता है। बीजेपी अमरेली लोकसभा सीट से दिलीप संघानी को मैदान में उतार सकती है।

नाराण के टिकट काटे जा सकते हैं…

सौराष्ट्र की बेहद अहम मानी जाने वाली अमरेली लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के (AMRELI SEAT Loksabha2024) चयन को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही है कि इस बार बीजेपी अमरेली सीट पर बाजी पलट सकती है। अमरेली सीट सौराष्ट्र की बेहद अहम सीट है। फिलहाल नारण काछड़िया यहां के सांसद हैं, लेकिन उनका टिकट कट सकता है। इस पर सभावित नामों की लिस्ट पर आलाकमान विचार कर रहा है।

दिलीप संघानी को उतारा जा सकता है मैदान में 

लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों की सबसे बड़ी लिस्ट भाजपा (AMRELI SEAT Loksabha2024) की तरफ से ही आई। परंतु अभी भी कई परिवर्तन होने संभावित नज़र आ रहे हैं। अमरेली सीट पर बीजेपी पुराने जोगी दिलीप संघानी को मैदान में उतार सकती है। बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाने वाले दिलीप संघानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र माने जाते हैं। वह सहकारी क्षेत्र के दिग्गज नेता भी हैं।

ये उम्मीदवार भी हैं दौड़ में

दिलीप संघानी के अलावा भी कई नाम हैं जिन पर आलाकमान विचार (AMRELI SEAT Loksabha2024) कर रहा है या ऐसा कहें कि कई नेता इस सीट की दावेदारी पर अपना नाम रख रहे हैं। अमरेली सीट पर दिलीप संघानी के साथ-साथ कौशिक वेकारिया और डॉ. भरत कनाबर और हिरेन हिरपारा के नामों की भी चर्चा चल रही है। हालांकि, इस दौड़ में दिलीप संघानी का नाम सबसे प्रमुख है।

कौन हैं दिलीप संघानी?
  • अमरेली से लोकसभा सांसद रहे
  • सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज नेता माने जाते हैं
  • वर्तमान में इफको के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी हैं
  • 1982 में अमरेली जिला पंचायत के सदस्य
  • 1982-92 तक राज्य भाजपा सचिव (AMRELI SEAT Loksabha2024)
  • 1985 में पहली बार विधायक
  • 1987 में, अमरेली नगर निगम के अध्यक्ष
  • 1990 में राज्य सरकार में मंत्री
  • 1991 में पहली बार अमरेली से सांसद
  • 1993 में वह लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक
  • 1995 में वे संसद की वित्त समिति के सदस्य
  • 1996 में वह फिर से लोकसभा के सांसद
  • 1997-97 में वह प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष
  • वह 1998 और 1999 में दोबारा बने सांसद
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