Citizenship Amendment Act CAA

Citizenship Amendment Act CAA: भारत में आज से CAA नियम लागू, जानिए विपक्षी नेताओं ने क्या कहा? देश में होने वाला है बड़ा परिवर्तन…

Citizenship Amendment Act CAA: गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 लागू कर दिया है। सरकार द्वारा इन नियमों को लागू करने के चार साल के इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें लागू कर दिया है। CAA के खिलाफ इस समय कई नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फिलहाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और असदुद्दीन ओवैसी भी विरोध जता चुके हैं। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने साफ कर दिया कि वह इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह तक ने इसका विरोध किया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने CAA का विरोध करते हुए भड़काऊ बयान दिया।

यह हमारे राज्य में लागू नहीं है: केरल सीएम

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन कानून को सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”इसे किसी भी हालत में राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं तो दूसरों के लिए नागरिकता कानून लाने से क्या होगा? जनता अब भाजपा की ध्यान भटकाने वाली राजनीति के खेल को समझ चुकी है। क्या भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि उनके 10 साल के शासन के दौरान लाखों नागरिकों ने अपनी नागरिकता क्यों छोड़ दी? कल जो भी हो, ‘चुनावी बांड’ का हिसाब देना होगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी विरोध जताया

इसके साथ ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी सरकार पर आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने पूछा, ‘सीएए लागू करने में इतनी देरी क्यों हुई? अगर देरी हुई तो चुनाव के बाद इसे लागू करने में क्या आपत्ति थी? आपने कहा, ”उनका एकमात्र उद्देश्य हर मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम में बदलना है।” संविधान के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। यदि कोई कानून कहता है कि ‘धर्म के आधार पर कौन नागरिक बन सकता है और कौन नहीं’, तो यह संवैधानिक रूप से उचित नहीं है।’

CAA को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात

इस कानून को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, आप इतिहास समझिए। पहले चुनावी मौसम आता है, फिर CAA नियम आता है। हमारा विरोध सीएए के समान है।’ यह एक विभाजनकारी कानून है, जिसका उद्देश्य मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना है। चाहे आप कितने भी अत्याचारी हों, उसे नागरिकता दें लेकिन धर्म के आधार पर ऐसा न करें। सरकार को बताना चाहिए कि उसने पांच साल तक कानून को क्यों लटकाये रखा। इसे अब क्यों लागू किया जा रहा है? अगर हम एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजीयक) और सीएए को एक साथ देखें तो इसका उद्देश्य केवल मुसलमानों को निशाना बनाना है। इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। पहले सड़क पर उतरे भारतीयों ने इसका विरोध किया। उनके पास दोबारा सामने आकर प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

जानिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

पश्चिम बंगाल की बात करें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘भारत में सभी लोग नागरिक हैं। यह नया कानून किसी को भी उनके अधिकारों से वंचित नहीं करेगा और अगर ऐसा होगा तो मैं इसका विरोध करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। रमज़ान से पहले आज का दिन ही क्यों चुना गया? ममता बनर्जी ने कहा, नई शाम शुरू होने से पहले मैं आपसे कह रही हूं कि आधी रात में ऐसा कुछ न करें, ये आधी रात को आजादी नहीं है। यह बीजेपी की धोखाधड़ी है और अगर हममें हिम्मत होती तो हम इसे 6 महीने पहले ही कर देते।’

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