Alwar Lok Sabha Chunav 2024: जयपुर। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। एक बार फिर पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA सत्ता बरक़रार रखने और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पुरजोर ताकत के साथ चुनावी मैदान में डटे हुए है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरण में होगा। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 और 26 अप्रैल को होना है। भाजपा ने राजस्थान की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। हम लगातार आपको राजस्थान की सभी सीटों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट (Alwar Lok Sabha Chunav 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां….
भाजपा ने भूपेंद्र यादव को बनाया प्रत्याशी:
राजस्थान की 25 लोकसभा सीट में से एक अलवर सीट है। जो हरियाणा और दिल्ली के बेहद करीब है। अलवर सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां का राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है। इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह का काफी दबदबा माना जाता है। लेकिन मोदी लहर के चलते अलवर में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। साल 2019 में इस सीट से भाजपा के बाबा बालक नाथ को भारी मतों से जीत मिली। इस बार बीजेपी ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है।
भूपेंद्र यादव का राजनीतिक करियर:
भूपेंद्र यादव गुरुग्राम के जमालपुर के रहने वाले हैं। उनको राजस्थान से दो बार राज्यसभा में जाने का मौका मिला है। उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही संघ के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। इसके चलते इन्हें संगठन में भी जगह मिली। भूपेंद्र यादव ने काफी समय तक राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका भी निभाई। भूपेंद्र यादव की गिनती भाजपा के प्रमुख रणनीतिकारों में होती है। भूपेंद्र यादव को बीजेपी ने मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब उन्हें भाजपा ने अलवर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
अलवर लोकसभा सीट का पूरा समीकरण:
अलवर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसमें तिजारा, किशनगढ़, मुंडावर, बहरोड़, अलवर ग्रामीण, अलवर शहर, रामगढ़ और राजगढ़ के नाम शामिल है। अलवर लोकसभा सीट पर एससी मतदाताओं की संख्या 333,890 है जबकि एसटी मतदाता लगभग 110,671 हैं और मुस्लिम मतदाताओं लगभग 176,389 है। इस सीट पर यादव वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते है। भाजपा ने यादव कार्ड खेला है तो कांग्रेस ने भी युवा नेता ललित यादव पर दांव खेला है।
पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम:
अलवर में भाजपा सिर्फ तीन बार ही जीत पाई है। जबकि कांग्रेस ने 10 बार अपना परचम लहराया है। साल 2014 में महंत चांद नाथ ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन उनके निधन के बाद इस सीट पर कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज की। साल 2019 में बाबा बालकनाथ ने एक बार फिर भाजपा की टिकट से जीत दर्ज की। 2019 लोकसभा चुनाव में अलवर सीट से भाजपा के बालक नाथ ने बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था। इस चुनाव में भंवर जितेंद्र सिंह को 4,30,230 वोट मिले थे।
कांग्रेस ने ललित यादव पर खेला दांव:
अलवर लोकसभा सीट को यादव बाहुल्य सीट माना जाता है। यहां यादव वोटर्स निर्णायक भूमिका में नज़र आते है। भाजपा ने बाबा बालक नाथ की जगह पर यादव कार्ड खेलते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने भी यादव कार्ड ही खेला है। कांग्रेस ने युवा नेता ललित यादव को अलवर से अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों यादव प्रत्याशी होने से इस बार इस सीट पर बेहद रोचक मुकबला होगा।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भारी:
भले इस सीट पर पिछले तीन चुनाव में से दो भाजपा ने जीत लिए हो लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा। अलवर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। हाल ही में हुए चुनाव में यहां 5 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस तो 3 पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इसको देखते हुए इस बार भाजपा के लिए इस सीट से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहने वाला है।
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