JAISHANKAR ON TERRORISM: सिंगापुर। भारत ने कई बार पाकिस्तान को पलट कर जवाब दिया और हर बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। पर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने और इसे भारत के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करने की अपनी नीति से पीछे नहीं हटा है। अब इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमेशा की तरह ही सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि भारत इसे छोड़ने या नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है।
पाकिस्तान पर जयशंकर का प्रहार
एक जमाने में भारत का ही हिस्सा रहा पाकिस्तान भी अपनी नापाक हरकतों से बाज़ नहीं आता है, हर बार पाकिस्तान के आँचल पर आतंकवाद का दाग लगा है। पर फिर भी पाकिस्तान अछूता नहीं दिख रहा है। जिसमें सबसे बड़ी हरकत आतंकवाद को बढ़ावा देकर अमन और चैन को भंग करते देखा गया है। भारत के केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। विदेश मंत्री के बयान के मुताबिक ऐसा लगता है कि भारत अब पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों के लिए छोड़ने के मूड में नहीं है। एस जयशंकर ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करेगा, अगर कोई भी ऐसा करता है तो उसे उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
Speaking at @ISASNus Distinguished Lecture event on #WhyBharatMatters. https://t.co/v7K4TvWceX
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 23, 2024
जयशंकर अपनी सिंगापुर यात्रा पर
विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिन के लिए अपने विदेश दौरे पर सिंगापुर में हैं। “हम ऐसे पड़ोसी से कैसे निपटें जो इस तथ्य को नहीं छिपाता कि वे आतंकवाद को शासन के एक उपकरण के रूप में उपयोग करते हैं?” उन्होंने यह बात नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में अपनी किताब ‘व्हाई इंडिया मैटर्स’ पर एक कार्यक्रम में कही। लेकिन भारत अब आतंकवाद को नजरअंदाज करने की गलती कभी नहीं करेगा। पाकिस्तान को पुरानी गलतियों से सीखना चाहिए और अब तक के अंजामों को देखते हुए समझ लेना चाहिए कि भारत अब तैयार है।
पाकिस्तान पर करारा हमला
उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, ”पाकिस्तान अब औद्योगिक पैमाने पर आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है। प्रत्येक देश एक स्थिर पड़ोस या यहां तक कि एक शांतिपूर्ण पड़ोस की आशा करता है, हालांकि, दुर्भाग्य से, भारत के साथ ऐसा नहीं है। आप ऐसे पड़ोसी से कैसे निपटेंगे जो इस तथ्य को नहीं छिपाता कि वह आतंकवाद को शासन के एक उपकरण के रूप में उपयोग करता है। यह एक बार की घटना नहीं है, बल्कि लगभग पूरे उद्योग में चलने वाली घटना है। इसे नज़रअंदाज़ करने से कुछ नहीं होगा बल्कि और अधिक समस्याएँ ही पैदा होंगी।