BENGALURU WATER CRISIS: पानी को लेकर अभी भी सावधान नहीं हैं लोग, कर रहे पानी की बर्बादी, लगा एक लाख का जुर्माना
BENGALURU WATER CRISIS: बेंगलुरु। बेंगलुरु इस समय भीषण जल संकट से जूझ रहा है। कभी गार्डन सिटी के नाम से मशहूर बेंगलुरु (BENGALURU WATER CRISIS) अब पानी के लिए तरस रहा है। इस गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इस बीच, अधिकारियों ने कार धोने और बागवानी जैसी गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए पीने योग्य पानी का उपयोग करने के लिए शहर के 22 घरों पर जुर्माना लगाया है। बता दें कि आदेश का उल्लंघन करने पर अधिकारियों के प्रत्येक परिवार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बेंगलुरु में पानी की गंभीर समस्या
गौरतलब है कि बेंगलुरु में अब पानी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। बेंगलुरु वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 22 घरों से 1.1 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इन जुर्माने में से सबसे अधिक 80,000 रुपये की राशि दक्षिण बेंगलुरु क्षेत्र से एकत्र की गई है। आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, BWSSB ने संकट को देखते हुए लोगों से पीने के पानी (BENGALURU WATER CRISIS) का संयम से उपयोग करने का अनुरोध किया था। निवासियों से वाहन धोने, निर्माण और मनोरंजन उद्देश्यों के लिए पीने योग्य पानी का उपयोग करने से बचने का भी अनुरोध किया गया। साथ ही बोर्ड ने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी तय किया है। आदेश का उल्लंघन होने पर यह जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया गया था।
पानी का कम इस्तेमाल करने की सलाह
इसके अलावा, BWSSB को सलाह दी गई कि होली मनाने के लिए पूल-पार्टियों में कावेरी और बोरवेल के पानी का उपयोग न करें। आपको बता दें कि शहर में पानी की कमी के कारण लोग डिस्पोजल बर्तनों में खाना खाने और मॉल्स में टॉयलेट का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। अब पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। भारत की जल समस्या सचमुच चिंताजनक दर से बढ़ती जा रही है। कई राज्यों में पीने का पानी भी एक समस्या है। खासकर रेगिस्तानी इलाकों में लोगों को पानी के लिए ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अल नीनो प्रभाव के लिए कम वर्षा जिम्मेदार
बेंगलुरु की बात करें तो पिछले साल यहां लगातार बारिश हुई थी। ऐसे में पानी की समस्या (BENGALURU WATER CRISIS) उत्पन्न हो गयी है। अगर बारिश हुई तो पानी की कमी होना स्वाभाविक है। ऐसे समय में पानी का उपयोग सोच-समझकर करना बहुत जरूरी है। कर्नाटक इस साल जल संकट से जूझ रहा है। इसका एक कारण पिछले साल कम बारिश होना है। भारतीय मौसम विभाग ने कम बारिश के लिए अल नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है।
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