17 Cousins Marriage in Rajasthan

17 Cousins Marriage in Rajasthan : दादा ने 17 चचेरे भाई-बहनों की एक साथ शादी कर दी एकता की मिसाल, 12 दूल्हे लेकर पहुंचे बारात

17 Cousins Marriage in Rajasthan : बीकानेर । शादी का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में खुशी की लहर दौड़ने लगती है। आस-पास जब भी कोई शादी हो तो तो लोग घरों से निकलकर या छत से देखने लगते हैं। सबकी निगाहें दूल्हा देखने के लिए आतुर रहती हैं। लेकिन अगर आपको किसी शादी में एक साथ एक दूल्हे की जगह 17 दूल्हे दिख जाएं, तो कैसा लगेगा? यह कोई कल्पना नहीं है, ऐसा हकीकत में हुआ है वो भी एक ही परिवार में। मामला राजस्थान के बीकानेर का है, जहां एक ही फैमिली के 17 चचेरे भाई-बहनों की शादी एक साथ हुई है। इस शादी से सभी लोग भौचक्के रह गए और यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है।

सादगी की मिसाल पेश की

आजकल के इस भागदौड़ वाले दौर में जहां भाई-भाई की आपस में नहीं बनती, वहीं एक संयुक्त परिवार ने 17 चचेरे भाई-बहनों की एक साथ शादी कर मिसाल पेश की है। लोगों ने ऐसा सीन पहली बार देखा होगा, जब लालमदेसर छोटा गांव में 12 दूल्हे बारात लेकर पहुंचे। लड़की वालों की मदद और खातिरदारी में पूरा गांव जुट गया।

इससे पहले सोमवार-मंगलवार की रात पांच चचेरे भाई परिणय सूत्र में बंधे थे। दरअसल, गांव के सुरजाराम गोदारा ने संयुक्त परिवार में एक मिसाल कायम करने के लिए अपने 17 पोते-पोतियों का विवाह एक साथ रखा। खास बात यह रही कि इनकी शादी का निमंत्रण कार्ड भी एक ही छपवाया गया था। पांच पोतों को आयुष्मान और 12 पोतियों को आयुष्मती लिखा यह कार्ड काफी वायरल हो रहा है।

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पोतों की गई तो पोतियों के लिए आई बारात

पांचों दूल्हों की बारात एक ही समय में रवाना हुई। पोतियों को ब्याहने आने वाले बारातियों का स्वागत कार्यक्रम भी एक ही समय में रखा गया। मंगलवार रात को एक-एक करके 12 बारातें गांव में पहुंचीं। सुरजाराम के घर शादी का बड़ा शामियाना लगाया गया, जिससे पूरी व्यवस्था चाक-चौबंद थी। बारातियों के रुकने की व्यवस्था गांव में अलग-अलग जगहों पर की गई थी।

एक साथ हुईं 17 शादियों की चर्चा आसपास के कई गांवों में चर्चा का विषय बन गई। सुरजाराम अपने पांच बेटे ओमप्रकाश, गोविन्द, मानाराम, भागीरथ और भैराराम गोदारा आज भी संयुक्त परिवार के तौर पर साथ रहते हैं। इन पांचों की 17 संतानें हैं। सभी के बालिग होने पर परिवार ने सामूहिक शादी कर फिजूल खर्च को कम करने का संदेश भी दिया है। जब पोतों की बारात वापिस लौटी तो सभी 17 जोड़ों का आशीर्वाद समारोह किया गया। फिलहाल गांव में इस तरह की शादी देखकर लोग काफी खुश हैं और घर में भी खुशनुमा माहौल बना हुआ है।

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