Boycott India Movement: बांग्लादेश में इन दिनों भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम किया जा रहा है। बांग्लादेश में विपक्षी दलों के द्वारा बायकॉट इंडिया मूवमेंट चलाया जा रहा है। अभ इस घटना पर भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने विपक्षी नेताओं को करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते मजबूत हैं।
दोनों देशों के बीच शानदार साझेदारी है, जो व्यापार, विकास, सहयोग, अर्थव्यवस्था तक लोगों में देखने को मिल जाती है। ये साझेदारियां जीवंत है और आगे भी जारी रहेगी। इसके अलावा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी भारत विरोधी तत्वों का विरोध किया है। इस मामले पर उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं की कड़ी आलोचना की है।
कैसे शुरू हुआ मूवमेंट?
दरअसल, बांग्लादेश में जनवरी महीने में आम चुनाव थे, जिसमें शेख हसीना लगातार पांचवी बार जीतीं। हसीना की जीत को लेकर विपक्षी दलों ने कहा कि शेख हसीना की जीत में भारत का हाथ था। इस बात को लेकर विपक्ष इंडिया का विरोध कर रहे हैं और भारतीय प्रोडक्ट का भी बहिष्कार कर रहे हैं। इसके अलावा एक बात और निकलकर सामने आई है और वह यह कि ‘बॉयकॉट इंडिया’ अभियान कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रभावशाली लोगों ने स्टार्ट किया है। इसमें प्रवासी भारतीयों के एक वर्ग का भी सपोर्ट मिल रहा है।
क्या है एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट बताते हैं कि शेख हसीना भारत की करीबी सहयोगी के तौर पर जानी जाती हैं। इसके इतर बीएनपी को नई दिल्ली के प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा कई अन्य मुद्दे भी शामिल हैं, जिसमें तीस्ता जल विवाद और बॉर्डर तनाव भी है। विशेषज्ञों के अनुसार यह आंदोलन भारत विरोधी भावनाएं फैलाने के लिए चलाया जा रहा है।
पीएम शेख हसीना का रूख
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा कि अगर भारत से इतनी ही नफरत है, तो अपनी पत्नियों की साड़ी कब जलाओगे? जिससे यह साबित हो जाए कि वाकई में इंडियन प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “जब BNP इंडिया बायकॉट का मुद्दा चला ही रही है, तो उन्हें अपने घरों में खाना बनाना भी बंद कर देना चाहिए। क्योंकि बांग्लादेश में प्याज, अदरक, मसाला तो भारत से ही आयात हो रहा है। क्या विरोधी इन सबके बिना खाना बना सकते हैं?”
भारत से कच्चा माल आयात करता है बांग्लादेश
बांग्लादेश मुख्य तौर पर भारत से कच्चे माल का आयात करता है। दोनों देशों के बीच बिजनेस का एक बड़ा पार्ट बेनापोल-पेट्रापोल बॉर्डर से होकर गुजरता है। सीएंडएफ एजेंटों ने भी कहा कि व्यापार पहले की तरह चल रहा है। किसी तरह का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है। जहां तीन महीने पहले इस क्रॉसिंग से हर दिन 300 से 350 ट्रक बांग्लादेश में आते थे, वहीं यह तादात बढ़कर 400 हो गई है।