Vellore Lok Sabha seat: लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के राज्यों में लगातार जनसभा कर रहे थे। पीएम मोदी अब भाजपा के 400 पार के मिशन को ताकत देने के लिए दक्षिण भारत के दौरे पर है। पीएम मोदी की बुधवर यानी 10 अप्रैल को तमिलनाडु में दो बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी बुधवार सुबह वेल्लोर में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा संबोधित करेंगे। फिलहाल वेल्लोर सीट (Vellore Lok Sabha seat) से डीएमके के काथिर आनंद सांसद है। पिछले चुनाव में भाजपा इस सीट पर बेहद कम मार्जिन से हार गई थी।
वेल्लोर सीट का क्या है इतिहास:
तमिलनाडु में कुल 39 लोकसभा सीट है। जिसमें एक सीट वेल्लोर भी शामिल है। इस सीट के इतिहास पर नज़र डालें तो यहां इसे कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन धीरे-धीरे परिस्थिति बदली तो इस सीट पर डीएमके और एआईएडीएमके की जंग देखने को मिली। लेकिन इस सीट पर अब भाजपा भी इन सभी दलों को जोरदार टक्कर दे रही है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में DMK के काथिर आनंद ने सिर्फ 8000 वोटों से जीत मिली थी।
वेल्लोर सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय:
वेल्लोर सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय नज़र आ रहा है। जहां DMK ने अपने वर्तमान संसद काथिर आनंद को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले भाजपा के ए. सी. शानमुगम एक बार फिर DMK को चुनौती देने के लिए तैयार है। ए. सी. शानमुगम का माहौल इस बार पिछली बार के मुकाबले ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहा है। इस सीट से एआईएडीएमके एस पसुपथी को टिकट दिया है। तीनों पार्टी के कैंडिडेट इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में डटे हुए है।
इस सीट का जातीय समीकरण?
वेल्लोर सीट किसी समय कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन फिर क्षेत्रीय पार्टियों ने यहां अपनी पकड़ काफी मजबूत बना ली। अगर बात करें इस सीट के जातीय समीकरण की तो यहां करीब 20 लाख मतदाता है। इसमें अनुसूचित जाति के करीब 23 फीसदी और अनुसूचित जनजाति के करीब 2 फीसदी मतदाता हैं। वेल्लोर लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। ऐसे में इस बार भी यहां रिकॉर्ड तोड़ मतदान की उम्मीद की जा रही है।
शिक्षा के लिहाज बेहद महत्वपूर्ण है वेल्लोर:
भले ही देश में कोटा को शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता हो, लेकिन वेल्लोर भी मेडिकल और तकनीकी शिक्षा के लिए काफी मशहूर रहा है। यहां देश के अलग-अलग कोने-कोने से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। वेल्लोर में सरकारी और निजी मेडिकल स्कूल और कई इंजीनियरिंग और साइंस कॉलेज हैं। शिक्षा नगरी के रूप में विकसित वेल्लोर में किस पार्टी का दबदबा बरक़रार रहता हैं ये आने वाले दिनों ही पता चल पाएगा।
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