Loksabha Election 2024: राजस्थान का रण : इन पांच सीटों पर है सबकी नजर…जानिए कहां क्या बन रहे समीकरण?

Loksabha Election: जयपुर। लोकसभा के चुनावी रण को लेकर सभी सियासी पार्टियां अपने अपने प्रत्याशियों की जीत  के लिए समीकरण बैठा रही है। राष्ट्रीय नेताओं से लेकर प्रदेश स्तर के स्टार प्रचारक चुनावी प्रचार अभियान में दिन रात एक किए हुए हैं। राजस्थान में भी सियासत गर्मायी हुई है। हम आपको रूबरू करवा रहे हैं राजस्थान की उन सीटों से जहां पर कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है।

भाजपा का समीकरण बिगाड़ जीत की जुगत में भाटी
राजस्थान की सबसे चर्चित सीट बनी हुई है सीमावर्ती बाड़मेर की सीट। पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर सीट पर भाजपा की ओर से एक बार फिर केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने आरएलपी छोड़कर पार्टी में शामिल हुए उम्मेदाराम को टिकट दिया है। लेकिन इनके बीच पहली बार विधायक बने युवा रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर मुकाबले को काफी दिलचस्प और कड़ा बना दिया है.। भाटी स्थानीय मतदाताओं विशेषकर युवाओं में खासा लोकप्रिय हो चुके हैं। भाटी छात्रों के अधिकारों को लेकर काफी लम्बे समय से सक्रिय रहे हैं और उनकी सभाओं में अच्छी भीड़ उमड़ती देखी गई है। भाजपा के बागी भाटी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीते। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि जनता का साथ किसे मिलता है।
यह भी पढ़े : Narendra Modi Newsweek Interview: अमेरिकी मैगज़ीन को इंटरव्यू देते हुए चीन के मुद्दे पर बोले मोदी, राम मंदिर पर कही ये बात…
चूरू मेंं कस्वा और राठौड़ में ठनी
हरियाणा बार्डर से सटी चूरू लोकसभा सीट इस बार देश में सबसे ज्यादा चर्चित है। भाजपा ने यहां से दो बार सांसद रहे राहुल कस्वा की इस बार टिकट काटकर युवा पैरा खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया को टिकट थमा दिया। राहुल कस्वा ने राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर टिकट कटवाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस जॉइन कर ली। चूरू से भाजपा सांसद राहुल कस्वां के बीच अंदरूनी कलह का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने कस्वां को कांग्रेस में शामिल करा लिया। कांग्रेस ने कस्वां को चूरू से अपना उम्मीदवार बनाया है। चूरू सीट जाट बहुल इलाका है और दोनों पार्टियों के उम्मीदवार जाट समुदाय से हैं। चूरू लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच पर कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा के पास दो और बसपा के पास एक सीट है। प्रथानमंत्री मोदी भी चूरू में सभा कर चुके हैं। अब जनता किसका साथ देगी ये देखना दिलचस्प होगा।
यह भी पढ़े : Lok Sabha Election 2024 PM Modi in Karauli राजस्थान के करौली में पीएम मोदी ने भरी हुंकार, कहा- कांग्रेस के महापाप की माफी नहीं
नागौर में मिर्धा से मिल रही बेनीवाल को कड़ी टक्कर
प्रदेश की चर्चित सीटों में नागौर सीट भी बहुत चर्चा में है। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा को भाजपा उम्मीदवार बनाया है। यहां से वर्तमान सांसद और लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मिर्धा और बेनीवाल पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. बेनीवाल ने 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन के तहत तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति मिर्धा को हराकर ही यह सीट जीती थी। मिर्धा 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गईं। समीकरण काफी मुश्किल नजर आ रहे हैं।
यह भी पढ़े : Lok Sabha Election 2024: दिल्ली में कांग्रेस नहीं कर पा रही है प्रत्याशियों के नाम फाइनल!, जानिए वजह..?
जनता में लोकप्रिय चौधरी के सामने गहलोत पुत्र
जालोर सीट दो खास उम्मीदवारों के कारण खासी चर्चा में है। भाजपा ने अपना प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी को बनाया है। वो बहुत ही सरल-सहज मिजाज के नेता हैं। लोग बताते हैं, कि जब लुंबाराम चौधरी को लोकसभा का टिकट मिला, तो वो बाइक पर लोगों से संपर्क करने निकल पड़े थे। इधर कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत हैं.। 2019 में वैभव गहलोत ने जोधपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वो वहां से चुनाव हार गए थे, जिसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें जालोर से उतारा है. वैभव को जालोर से टिकट मिलने के बाद लोगों के बीच चर्चा है, कि राजस्थान की इस सीट में ‘आम’ और ‘खास’ के बीच लड़ाई है. वैभव के प्रचार में अशोक गहलोत काफी जोरशोर से लगे हैं। उनकी ये मेहनत किजनी रंग लाती है और जनता आम को जिताती है या खास को, ये तो मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
यह भी पढ़े : Amit Shah in Mandla: अमित शाह ने कांग्रेस पर कसा तंज, कहा- घमंडिया गठबंधन का लक्ष्य अपने परिवार को आगे बढ़ाना
झुंझुनूं में दिग्गज ओला के सामने क्या टिक पाएंगे शुभकरण?
झुंझुनू लोकसभा सीट भी चर्चा में है। यहां से देश के कद्दावर किसान नेता रहे शीशराम ओला के पुत्र और पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला पर कांग्रेस ने दाव खेला है। ओला की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। हालांकि पिछले दो चुनाव भाजपा यहां से काफी मार्जिन से जीती हैं। इस लिए दोनों पार्टियों में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।  इस सीट पर जहां बीजेपी ने नरेंद्र कुमार का टिकट काटकर शुभकरण चौधीरी को मैदान पर उतारा है। झुंझुनू एक जाट बहुत लोकसभा सीट मानी जाती है। यहां मुसलमानों की भी अच्छी खासी तादाद है। उनका वोट प्रतिशत यहां 22.3 प्रतिशत और आबादी 267,180 है। अनूसूचित जाति के वोटर्स की जनसंख्या 323,282 और एसटी वोटर्स की संख्या 34,637 है। इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 8 विधानसभाएं पिलानी, सूरजगढ़, झुंझुनू, मंडावा, नवलगढ़, उदयपुरवाटी, खेतड़ी और फतेहपुर आती हैं। अब देखना ये है, कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस में से कौन बाजी मारता है।
यह भी पढ़े : Loksabha Election 2024 Rahul Gandhi Bikaner : राजस्थान के पहले चुनावी दौरे पर राहुल गांधी, बोले- हमारी सरकार कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर परमानेंट जॉब देगी, जोधपुर क्षेत्र में भी करेंगे सभा