मोबाइल डाटा मिलते ही सुलझेगी आत्महत्या की गुत्थी, मुस्कान अग्रवाल के मोबाइल लॉक को खोलने में जुटी पुलिस
Indore Muskan Suicide Case इंदौर । मुस्कान अग्रवाल आत्महत्या मामले में पुलिस को पता चला है कि वह मानसिक बिमारी सोमेटाइजेशन से ग्रसित थी। उसका डेढ़ साल से उपचार चल रहा था। मुस्कान के मोबाइल में लगे लॉक को खोलने में पुलिस की तकनीकी टीम जुटी हुई है। फिलहाल उसके मोबाइल का आईपी डाटा पुलिस को नहीं मिल सका है।
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मी ने बताया कि मुस्कान अग्रवाल आत्महत्या मामले में पुलिस को उसके मानसिक रूप से बीमार होने की बात पता चली है। पुलिस टीम ने मुस्कान के रूम से कुछ दवाएं बरामद की हैं जिसकी जांच के दौरान पता चला कि वह दवाएं सोमेटाइजेशन डिसीस के लिए थीं। पुलिस को यह भी पता चला कि पिछले डेढ़ साल से मुस्कान सोमेटाइजेशन डिसीस का उपचार करवा रही थी।
दरअसल, यह एक ऐसी बिमारी है जिसमें मरीज को ऐसा लगता है कि उसके शरीर में कई जगह दर्द है लेकिन जब वह इसकी जांच करवाता है तो उसकी रिपोर्ट नार्मल आती है। यह एक मानसिक बिमारी है जिसका शिकार मुस्कान थी। वहीं, पुलिस को मुस्कान के मोबाइल का लॉक खुलवाने में खासी माशक्कत करनी पड़ रही है। मोबाइल का लॉक खुलने के बाद पुलिस उसके अकॉउंट का आईपी डाटा निकाल कर जांच करेंगी।