Visual Art International Tagore Award : इंदौर। विश्व के अलग- अलग देशों की क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग सरीखी समस्याओं को विजुअल आर्ट के जरिए एक ही कैनवास पर उतारकर अनमोल माथुर ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अनमोल माथुर ने इंटरनेशनल कॉम्पीटिशन में कई देशों के कलाकारों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेशनल टैगोर अवॉर्ड हासिल किया है। क्या है विजुअल आर्ट और कैसे अनमोल माथुर इसके महारथी बने…आपको बताते हैं।
क्या है विजुअल आर्ट ?
आमतौर पर पेंटिंग का दायरा किसी एक विषय तक सीमित होता है, लेकिन विजुअल आर्ट इससे इतर ऐसा मॉर्डन आर्ट है…जिसमें एक ही कैनवास पर दुनियाभर की अलग-अलग समस्याओं को उतारा जाता है। छोटे से कैनवास के जरिए यूनिवर्सल मैसेज देने वाली यह पेंटिंग विजुअल आर्ट कहलाती है।
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अनमोल बने विजुअल आर्ट के महारथी
विजुअल आर्ट में इंदौर के अनमोल माथुर ने इंटरनेशल टैगोर अवॉर्ड हासिल किया है। अनमोल ने भारतीय हेरिटेज को विश्व के अलग- अलग हेरिटेज के साथ प्रदर्शित कर पेंटिंग बनाई, जिसके लिए उन्हें इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में कई देशों के विजुअल आर्टिस्ट ने हिस्सा लिया था। जिन्हें पीछे छोड़कर अनमोल माथुर विजेता बने।
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7 साल की उम्र से पेंटिंग कर रहे अनमोल
इंदौर के अनमोल माथुर कैसे इस विधा के महारथी बने…इसके पीछे भी लंबी कहानी है। अनमोल जब सात साल के थे, तब उनके पिता इंदौर की एक मील में सुरक्षाकर्मी थे, वहां खास मौकों पर झांकियां सजाई जाती थीं। इन्हीं झांकियों को देखकर 7 साल की उम्र में ही अनमोल ने पेंटिंग शुरू की।
गिनीज बुक में भी अनमोल का रिकॉर्ड
अनमोल माथुर पेंटिंग में सिद्धहस्त होने ही लगे थे कि 12 साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया। लेकिन, फिर उनकी मां ने उनके शौक को जारी रखा। इस बीच अनमोल का रुझान विजुअल आर्ट की तरफ बढ़ा…इसके बाद अनमोल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने मां की देखभाल और घर की जिम्मेदारी के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, लेकिन इसके साथ अपनी कूंची को भी धार देते रहे। अनमोल अब तक एक लाख से ज्यादा पेंटिंग्स बना चुके हैं। वहीं विजुअल आर्ट के लिए उन्हें 20 से ज्यादा अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अनमोल अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। अनमोल का कहना है अब पद्मश्री अवॉर्ड हासिल करना उनका सपना है।