Maha Navami 2024: चैत्र नवरात्रि के दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, इसी दिन मनायी जाएगी राम नवमी, जानें महत्व
Maha Navami 2024: लखनऊ। नौ दिनों के नवरात्रि उत्सव का आज आखिरी दिन है। अष्टमी और नवमी पूजा (Maha Navami 2024) के साथ ही नवरात्रि का त्योहार समाप्त हो जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की गयी। वहीँ नौवें दिन नवमी मनाई जाती है और इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
नवरात्रि में कुछ लोग जहाँ अष्ठमी को कन्या पूजन करते हैं तो वहीँ कुछ लोग नवमी (Maha Navami 2024) को भी कन्या पूजन करते हैं। आम तौर पर नौ दिन व्रत रहने वाले लोग महा नवमी के दिन ही कन्या पूजन करते हैं। वैसे तो नवमी की तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 बजे ही शुरू हो जाएगी लेकिन हिन्दू धर्म में उदया तिथि को ही माना जाता है इसलिए नवमी 17 अप्रैल 2024 को ही मनायी जाएगी।
महा नवमी को होती है माँ सिद्धिदात्री की पूजा
माँ सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवां रूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि उत्सव के अंतिम दिन (Maha Navami 2024) की जाती है। सिद्धि शब्द का अर्थ है अलौकिक शक्ति और धात्री का अर्थ है पुरस्कार देने वाला। इसलिए, यह माना जाता है कि माँ सिद्धिदात्री सभी दिव्य आकांक्षाओं को पूरा करती हैं। मां सिद्धिदात्री को सिद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। वह अपने भक्तों को बुद्धि का आशीर्वाद देती हैं और उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं। उनका नाम “अलौकिक शक्तियों की दाता” के रूप में अनुवादित है, और उन्हें कमल पर बैठे हुए चित्रित किया गया है। माँ की चार भुजाओं में चक्र, शंख, त्रिशूल और गदा है। माँ सिद्धिदात्री शेर या बाघ की सवारी करती ऐन। ऐसा माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां (अलौकिक शक्तियां) प्रदान करती हैं और भगवान शिव सहित हिंदू देवताओं के सभी देवताओं द्वारा उनकी पूजा की जाती है। उनकी पूजा आध्यात्मिक यात्रा के पूरा होने और पूर्ण शांति और ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक है।
राम नवमी शुभ मुहूर्त
राम नवमी, सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। यह चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष के नौवें दिन (Maha Navami 2024) पड़ता है। यह शुभ अवसर हर साल चैत्र नवरात्रि उत्सव के अंतिम दिन के साथ मेल खाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार बुधवार, अप्रैल 17, 2024 को राम नवमी है। राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक है। राम नवमी के दिन पूजा के लिए 02 घंटे 35 मिनट का शुभ मुहूर्त है। राम नवमी के समय आठ प्रहर उपवास करने का सुझाव दिया जाता है। जिसका अर्थ है कि, भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिये। राम नवमी का व्रत तीन भिन्न-भिन्न प्रकार से मनाया जा सकता है, नैमित्तिक – जिसे बिना किसी कारण के किया जाता है, नित्य – जिसे जीवन पर्यन्त बिना किसी कामना एवं इच्छा के किया जाता है तथा काम्य – जिसे किसी विशेष मनोरथ की पूर्ती हेतु किया जाता है।
रामनवमी के दिन अनुष्ठान और उत्सव
राम नवमी (Maha Navami 2024) पूरे देश में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती है। भगवान राम की जन्म नगरी अयोध्या में, भगवान राम का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है – भक्तों के लिए भव्य आरती, जुलूस और भंडारे होते हैं। रामनवमी अनुष्ठानों में भाग लेने और भगवान राम का आशीर्वाद पाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग अयोध्या आते हैं। कई लोग इस दिन पूरे दिन का उपवास रखते हैं। भगवान राम के भक्त रामायण और श्रीमद्भागवतम जैसे ग्रंथों के अंश पढ़ते हैं। इस दिन भगवान राम के साथ सीता माता, लक्ष्मण और हनुमान की भी पूजा की जाती है।
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