JEE Mains Result 2024 गुदड़ी के लाल : अलवर के सरकारी स्कूल से पढ़े आशीष ने बिना कोचिंग जेईई मेंस में मारी बाजी, पाया 99.36 % अंक

JEE Mains Result 2024 अलवर। कहते हैं सफलता सुविधा की मोहताज नहीं होती है। इन बातों को साबित कर दिखाया है अलवर के सुदूर कस्बे कठूमर के आशीष कुमार ने जिन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ने के बावजूद सफलता हासिल की। कठूमर कस्बे के साधारण परिवार में जन्में आशीष ने जेईई मेंस परीक्षा परिणाम 99.36 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उनकी इस सफलता पर राज्य के शिक्षामंत्री ने भी उन्हें फोन कर बधाई दी।

कठूमर के स्वामी विवेकानंद सरकारी मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले आशीष चौधरी ने जेईई मेन्स परीक्षा में 99.36 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। आशीष अब जेई एडवांस्ड की तैयारी कर रहे हैं। आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई करना उनका लक्ष्य है। बिना किसी कोचिंग के आशीष ने यह लक्ष्य प्राप्त किया।

सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मदद से उन्होंने अपने कॉन्सेप्ट क्लीयर किए और ऑनलाइन टेस्ट देकर खुद को साबित कर दिखाया। आशीष के इस प्रयास की तारीफ अब पूरे देश में हो रही है। वहीं, आशीष सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी आदर्श बन गए हैं। साथ ही उन स्टूडेंट के लिए अब मिसाल बन गए हैं जो सरकारी स्कूल के नाम पर दूर भागते हैं।

कठूमर कस्बा निवासी आशीष चौधरी स्वामी विवेकानंद सरकारी मॉडल स्कूल की 12वीं कक्षा की परीक्षा देने के बाद अब रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। उससे पहले आशीष को एक बड़ी खुशी मिली। जेईई मेंस के एग्जाम में आशीष ने 99.36 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।

सरकारी स्कूल में बिना किसी कोचिंग के आशीष ने यह उपलब्धि हासिल की। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवा कई सालों तक तैयारी करते हैं व महंगे कोचिंग में लाखों रुपये खर्च करते हैं। हालांकि आशीष ने पिता के गाइडेंस व सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मदद से इस लक्ष्य को अपनी घर पर तैयारी के साथ प्राप्त कर लिया।

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आशीष ने खास बातचीत में कहा कि उनके पिता हरभान सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं जबकि माता वंदना देवी ग्रहणी है। उनकी छोटी बहन अनु दसवीं क्लास में पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वो हमेशा अपने पिता हरभान सिंह की गाइडेंस में पढ़ाई करते हैं।

छठीं कक्षा से ही उन्होंने आईआईटी दिल्ली में पढ़ने का लक्ष्य तय किया और उसे पूरा करने में जुट गए। उन्होंने दसवीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किए तो 12वीं कक्षा में भी बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है। आशीष ने कहा कि वो प्रतिदिन तीन से चार घंटे अलग-अलग विषय के अनुसार पढ़ाई करते थे।

इस बीच कोई दिक्कत होती तो स्कूल के शिक्षकों से अपनी समस्या का समाधान करते थे। साथ ही ऑनलाइन वीडियो की मदद से भी उन्होंने पढ़ाई करते। ऑनलाइन टेस्ट दिए और यूट्यूब वीडियो देखकर अपने शंकाओं या डाउट्स को क्लीयर किया।

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आशीष की इस उपलब्धि को देखकर राजस्थान प्रदेश के शिक्षामंत्री मदद दिलावर ने उन्हें फोन किया। आशीष को उनकी कामयाबी पर बधाई दी। मंत्री ने आशीष के परिजनों से भी बात की। साथ ही बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना की।

आशीष ने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रदेश के शिक्षामंत्री ने उन्हें फोन किया। अब वो जई एडवांस्ड की तैयारी करने में जुट गए हैं। पहले से भी ज्यादा बेहतर परिणाम लानेके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आशीष ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को दिया। साथ ही देश के स्टूडेंट को संदेश देते हुए कहा की सभी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उस लक्ष्य को पाने के लिए मन से प्रयास करना चाहिए।

प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश..

सवालः जेईई मेंस परीक्षा में इतनी बडी उपलब्धि मिल पाने की उम्मीद थी?
जवाबः पूरी तैयारी से परीक्षा दी लेकिन परिणाम को लेकर कभी चिंता नहीं की. प्रतिदिन तीन से चार घंटे अलग-अलग विषय के अनुसार पढ़ाई किया करता था।

सवाल: भविष्य में आपका लक्ष्य क्या है?
जवाबः आईआईटी एडवांस की तैयारी कर रहे हैं। आईआईटी दिल्ली में प्रवेश लेना लक्ष्य है।

सवालः जेईई मेंस की तैयारी के लिए कही कोचिंग ली?
जवाबः जेईई मेंस की तैयारी के लिए किसी प्रकार की कोचिंग में प्रवेश नहीं लिया? ऑनलाइन टेस्ट से तैयारी की। पिता की गाइडेंस एवं सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मदद ली। यूट्यूब वीडियो देखकर अपने डाउट्स क्लियर किए।

सवालः अच्छी उपलिब्ध के लिए किसी अच्छे अंग्रेजी या प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करना क्या जरूरी है?
जवाबः परीक्षा में अच्छी उपलब्धि हासिल करने के लिए अंग्रेजी व अच्छे प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ना जरूरी नहीं है। मैंने खुद कठूमर के स्वामी विवेकानंद सरकारी मॉडल स्कूल में अध्ययन कर जेईई मेंस में 99.36 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है।

सवालः इस सफलता के लिए प्रेरणा कहां से मिली, क्या परिवार व रिश्तेदारी में पहले भी किसी ने ऐसी कामयाबी हासिल की है?
जवाबः इस सफलता की प्रेरणा पिता से मिली। हालांकि परिवार व रिश्तेदारी में ऐसी उपलब्धि पहले किसी को नहीं मिली।

सवालः परिवार में कौन-कौन है?
जवाबः मेरे पिता हरभान सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं जबकि माता वंदना देवी गृहणी हैं। छोटी बहन अनु दसवीं क्लास में पढ़ाई कर रहीं हैं।

सवालः आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाबः युवा अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए मन से प्रयास करें।

सवालः इस सफलता पर सरकार की ओर से कोई प्रोत्साहन या बधाई संदेश मिला?
जवाबः राज्य के शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने इस सफलता पर बधाई दी और परिवार को भी बधाई दी.